Joharlive Team
जमशेदपुर। चाईबासा के मनोहरपुर में तैनात झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के असिस्टेंट इलेक्ट्रिकल इंजीनियर (एसडीओ) आलोक रंजन को अपने दफ्तर में रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचे गए हैं। उनकी तनख्वाह 56 हजार रुपये महीना है, फिर भी बिना रिश्वत लिए वो काम नहीं करते। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को उन्हें जेल भेजा जाएगा।
एईई आलोक रंजन मनोहरपुर में रिश्वत लेने के लिए बदनाम थे। गोइलकेरा के जूलियस के घर में एक किलोवाट का घरेलू कनेक्शन है। उनके घर एईई जांच करने पहुंचे थे। जांच के बाद जूलियस को धमकाया गया कि उनके यहां बिजली का लोड ज्यादा है। जबकि, कनेक्शन महज एक किलोवाट का ही है। अगर लोड नहीं बढ़वाया तो जेल भेज दिया जाएगा। जब, जूलियस दास लोड बढ़वाने के लिए एईई के कार्यालय पहुंचे तो आलोक रंजन ने उनसे लोड बढ़ाने के लिए 90 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। बाद में सौदेबाजी हुई और एईई ने कहा कि लोड बढ़ाने के एवज में कम से कम 45 हजार रुपये देने होंगे। बहुत विनती करने के बाद एईई 20 हजार रुपये पर तैयार हो गए।
इसके बाद, जूलियस दास ने मामले की शिकायत एसीबी के एसपी दीपक कुमार सिन्हा से की। एसीबी के एसपी ने मामले की जांच एसीबी के इंस्पेक्टर व्यास राम को सौंपी। एसपी दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि इंस्पेक्टर ने जांच में मामला सही पाया। एसीबी के अधिकारी 20 हजार रुपये लेकर मनोहरपुर पहुंचे। शिकायतकर्ता जूलियस दास एईई के पास पहुंचा और उन्हें रकम दी गई। इसके फौरन बाद एसीबी के अधिकारियों ने एईई को दबोच लिया। मामले में एसीबी कार्यालय में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
एईई ने बताया कि एसीबी के अधिकारियों ने उनके ड्रार से रुपये बरामद किए हैं। एईई ने बताया कि ऊपर वाले ड्रार में ताला लगा था जिसकी चाबी उनके पास थी। लेकिन, इससे नीचे वाला ड्रार खुला था। रुपयों में गुलाबी रंग लगा हुआ था। ये रुपये ड्रार में कहां से आए उन्हें नहीं पता।
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के एईई आलोक रंजन गिरीडीह के अहिल्यापुर थाने के बुधूडीह गांव के रहने वाले हैं। उनकी बिजली विभाग में नौकरी दो साल पहले 2017 में ही लगी है।