रांची। जमीन कारोबारी दिलीप पोद्दार हत्या मामले में फरार चल रहे आनंद कच्छप को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली है। वर्ष 2018 में हत्या के बाद से फरार चल रहा था। गुप्त सूचना पर धुर्वा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने आनंद को पकड़ा है। इस पर आर्म्स एक्ट का भी मामला दर्ज है। पुलिस गिरफ्तार आनंद से पूछताछ कर रही है।

3 दिसंबर को घर के बाहर दिलीप को मारा था गोली
पूछताछ में पुलिस को आनंद ने बताया कि 3 दिसंबर को दो बाइक पर सवार होकर अपने तीन अन्य दोस्तों के साथ अगस्त के घर पहुंचा। करण महली, सूरज सिंह और अगस्त के साथ दिलीप के घर के बाहर पहुंचा। वहां दिलीप पर नजर पड़ते ही गोलियां दाग दी। दिलीप जब जमीन पर गिर गया तो उसे मरा समझ कर सभी वहां से फरार हो गए थे।

हत्या से एक माह पूर्व बनी थी दिलीप की हत्या की योजना
डैम साइड स्थित सिंचाई कॉलोनी निवासी दिलीप पोद्दार के हत्या की योजना घटना से एक महीने पहले तैयार किया गया था। अगस्त बीते एक साल से दिलीप की हत्या के प्रयास में था। लेकिन उसे मौका नहीं मिल रहा था। पुलिस को दिए स्वीकारोक्ति बयान में अगस्त ने बताया था कि एक माह पहले ही वह दिलीप की हत्या के लिए अपने भाई आनंद कच्छप को एक लाख रुपए की सुपारी दी थी। पुलिस से बचने के लिए उसने अपने स्तर से पूरी तैयारी की थी।

यही वजह है कि सुपारी देने के बाद अगस्त अपनी पत्नी के इलाज कराने के बहाने के साथ वेल्लोर चला गया, ताकि हत्या होने के बाद पुलिस जांच में यह बात सामने आए कि हत्या के दौरान वह राज्य से बाहर था। अगस्त ने सुपारी देने के दौरान अपने भाई को यह हिदायत दी थी कि उसके वेल्लोर में रहते ही वह दिलीप की हत्या कर देगा। एक माह बाद जब 30 नवंबर को वह रांची वापस आया तो उसे पता चला कि आनंद ने उसकी हत्या नहीं की है। इससे वह काफी परेशान हो गया। वह तुरंत आनंद के पास गया और हत्या नहीं करने की वजह पूछी। आनंद ने कहा कि एक-दो दिनों में काम हो जाएगा। इसके बाद आनंद अपने तीन दोस्तों के साथ प्रतिदिन डैम साइड आने-जाने लगा और दिलीप के हत्या का मौका तलाशता रहा।

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