रांची : कोयला के कारोबार से जुड़े बिहार के छपरा के रहने वाले अभिषेक श्रीवास्तव टीपीएससी संगठन के निशाने पर थे. पूर्व में संगठन की ओर से अभिषेक श्रीवास्तव को धमकी भी मिली थी. इसकी पुष्टि मृतक अभिषेक के परिजनों ने की. रिश्तेदारों ने कहा कि इस बात की जानकारी अभिषेक ने पुलिस को भी दी थी. लेकिन, इस मामले को गंभीरता से पुलिस ने नहीं ली और टीएसपीसी संगठन के उग्रवादियों ने दिनदहाड़े घटना को अंजाम देकर स्कॉर्पियो गाड़ी से फरार हो गए. उग्रवादियों ने अंधाधुंध गोलियां चलायीं. इस घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल कायम है.
सुरेश केडिया का करीबी था अभिषेक श्रीवास्तव
मृतक अभिषेक श्रीवास्तव कोयला का बड़ा कारोबारी सुरेश केडिया का करीबी रहा है. सुरेश केडिया रातू रोड के रहने वाले है. एनआईए की रडार पर भी सुरेश केडिया है. सुरेश केडिया का नाम टेरर फंडिंग मामले में काफी जोर शोर से उछला था. सुरेश केडिया का कोयला कारोबार लंबे वर्षों से चला आ रहा है.
फुटेज के आधार पर सफेद स्कॉर्पियो को खोज रही पुलिस
घटना के समय मोहल्ले में लगे सीसीटीवी फुटेज को रांची पुलिस की टीम ने खंगाला है. जिसके बाद अब सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सफेद रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी की खोज चल रही है. स्कॉर्पियो से सिर्फ एक व्यक्ति निकलकर ड्राइवर गेट की तरफ गया और अंधाधुंध गोली चलायी. हालांकि, सूत्र बताते है कि अभिषेक श्रीवास्तव को उग्रवादियों की पांच गोली शरीर में लगी है.
15 दिसंबर की घटना में भी टीपीएससी का हाथ
रिश्तेदारों ने बताया कि 15 दिसंबर 2023 की रात हाइवा गाड़ी में आगजनी की घटना कोई शॉर्ट सर्किट नहीं, बल्कि टीएसपीसी संगठन द्वारा अंजाम देने की कहानी है. मृतक अभिषेक श्रीवास्तव खलारी में भी सीमेंट फैक्ट्री में चलता था. पिपरवार से कोयला सीमेंट फैक्ट्री में आता था. उस रात टीएसपीसी संगठन ने घटना को अंजाम दिया था. लेकिन, पुलिस के समक्ष शॉर्ट सर्किट की कहानी का राग गाया गया था.
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