नई दिल्ली : साल 2020 में एक डॉक्टर की खुदकुशी मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए आप विधायक प्रकाश जरवाल को राउज एवेन्यू की एक विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है. मामले में जारवाल के साथ दो अन्य को भी इस मामले में मुजरिम माना गया.
स्पेशल जज एम के नागपाल ने देवली से विधायक और दो अन्य के खिलाफ मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाया. अभियोजन केस के मुताबिक, जारवाल और उनके साथी मृतक सहित अन्य टैंकर मालिकों से जबरन वसूली करते थे. मृतक के बेटे हेमंत सिंह की शिकायत पर देवली विधानसभा इलाके के विधायक को जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 9 मई, 2020 में गिरफ्तार किया गया था. जून 2020 में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह जेल से छूटे थे.
जारवाल ने अपने बचाव में गवाही देते हुए अदालत से कहा था कि वह बेकसूर हैं. मृतक शारीरिक और मानसिक कष्ट से जूझ रहा था. मृतक का टैंकर एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद बंद किया गया था. 2021 में आप विधायक और मामले में दो अन्य के खिलाफ आरोप तय किए गए थे. अदालत ने तब अपने आदेश में कहा था कि मौजूदा मामले में प्रकाश जारवाल और कपिल नागर के हाथों मृतक की लगातार प्रताड़ना के आरोप हैं, जिनसे प्रथम दृष्टया ऐसी परिस्थितियां बन गई थीं कि मृतक के पास खुदकुशी के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा.
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