रांची : झारखंड कैडर के कई ऐसे आइएएस अफसर हैं, जिन्होंने अपनी दरियादिली और नीतिगत निर्णयों से देश और राज्य की दशा और दिशा बदल दी. आइएएस अमित खरे ने नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया. राजीव गौबा ने धारा 370 हटाने का मसौदा तैयार किया. और भी झारखंड कैडर के कई ऐसे आइएएस अफसर हैं, जिन्होंने प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए किताबें भी लिखीं. इसमें मनीष रंजन और राजीव रंजन का नाम सबसे आगे रहा. इस बीच झारखंड ब्यूरोक्रेशी का ऐसा शख्स जिसने समस्याओं को सुलझाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. ये अफसर हैं झारखंड कैडर सुनिल वर्णवाल. फिलहाल वह भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर तैनात हैं. 1997 बैच के इस अफसर का ग्रामीणों के प्रति लगाव किसी से छिपा हुआ नहीं है. सुनिल वर्णवाल ने सामुदायिक भवन के अंधेरे कमरे में रहकर भी ग्रामीणों की समस्याओं को जाना और समझा.
गांव को ले लिया गोद
सुनिल वर्णवाल ने गांव को गोद लिया. यह गांव राजधानी से सटे अनगड़ा के समीप है. उन्होंने नवागढ़ की सूरत और सीरत बदलने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने बताया कि जब वे मसूरी से ट्रेनिंग कर राजधानी के नवागढ़(अनगड़ा) में प्रोबेशन पीरियड में तैनात थे. उस वक्त ही उन्होंने ठाना था कि ग्रामीणों को ऐसी सभी मूलभूत सुविधाएं दिलाएंगे, जिससे वे भी मुख्यधारा में आ सकें. उनके अरमानों को पंख लग सके. हुआ ऐसा ही. आज नवागढ़ की सूरत और सीरत दोनों बदल चुकी है.
गोल्ड मेडल से नवाजे गए
डॉ सुनिल वर्णवाल प्रोबेशन अवधि में एक सप्ताह नवागढ़ में रहे. सामुदायिक भवन के अंधेरे कमरे में रात गुजारी. बिजली के नाम पर एक खूंटे में बैटरी से जलने वाला बल्ब ही टिमटिमाता था. इसकी रोशनी में ही उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को जाना और समझा. सामाजिक -आर्थिक रिपोर्ट तैयार की. यह रिपोर्ट मसूरी में सौंपी. रिपोर्ट की जमीनी हकीकत ऐसी थी कि उन्हें इस रिपोर्ट के आधार पर गोल्ड मेडल मिला. रिपोर्ट बनाने में जिन ग्रामीणों ने उन्हें सहयोग किया था, वे आज भी हैं.
गांव की बदल दी सूरत और सीरत
सुनिल वर्णवाल ने नवागढ़ की सूरत और सीरत बदल दी. उनका कहना भी है कि मैंने जिस जगह से करियर की शुरुआत की थी, उससे मेरा भावनात्मक लगाव है और हमेशा रहेगा. उन्होंने बताया कि वहां 17 टोले हैं. हर टोले में सड़क, बिजली व पानी सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं. 10 स्कूल हैं. इसमें सात प्राथमिक और तीन मिडिल स्कूल हैं. इन सभी स्कूलों को मॉडल स्कूलों में तब्दील कर दिया गया है. आठ आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बना दिया गया है. वहां हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी बनाया जा रहा है.