Johar live news desk: जावेद अख्तर, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को अपनी अनोखी कहानियों, गीतों और संवादों से नई दिशा दी, आज 80 साल के हो गए हैं। उनकी यात्रा एक कवि से लेकर स्क्रीनराइटर तक की रही है, जिसमें उन्होंने कई हिट फिल्में दीं और अपने काम से लोगों का दिल जीता।
जावेद अख्तर का जन्म ग्वालियर में मशहूर शायर जांनिसार अख्तर के घर हुआ था। उनके पिता एक प्रसिद्ध उर्दू कवि थे, लेकिन जावेद अख्तर को अपनी पहचान बनाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। वह 1964 में मुंबई आए और अपने पहले सफल ब्रेक के लिए 1969 तक इंतजार करना पड़ा।
जावेद अख्तर ने सलीम खान के साथ मिलकर कई हिट फिल्में दीं, जिनमें ‘त्रिशूल’, ‘दीवार’, ‘काला पत्थर’, ‘डॉन’, ‘शोले’, और ‘मिस्टर इंडिया’ शामिल हैं। उनकी अन्य प्रसिद्ध फिल्मों में ‘मशाल’, ‘बेताब’, ‘मेरी जंग’, ‘अर्जुन’, और ‘मैं आजाद हूं’ शामिल हैं।
जावेद अख्तर को उनके काम के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण शामिल हैं। वह एक प्रसिद्ध कवि और गीतकार भी हैं और उन्हें उनकी रोमांटिक गजलों के लिए जाना जाता है।
जावेद अख्तर की फिल्मों में उनके डायलॉग्स और गीतों का बहुत बड़ा योगदान है। उनके डायलॉग्स अक्सर समाज में व्याप्त समस्याओं पर प्रकाश डालते हैं और उनके गीत अक्सर प्यार, जीवन और संघर्ष के बारे में बात करते हैं।
जावेद अख्तर की यात्रा एक प्रेरणा है और उनके काम ने हिंदी सिनेमा को नई दिशा दी है। उनके 80वें जन्मदिन पर, हम उनके योगदान को सलाम करते हैं और उनके आगे के जीवन के लिए शुभकामनाएं देते हैं।
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