जमशेदपुर : बागबेड़ा बड़ौधा घाट मंदिर कैंपस में बाबा बड़ौदा का समाधि दिवस पारंपारिक भक्ति-भाव के साथ मनाया गया. मौके पर देश के विभिन्न राज्यों से हजारों साधु-संतों का जुटान हुआ. पिछले 6 दिनों से पूरा मंदिर कैंपस जय हो जय हो बाबा बड़ौदा की जय हो… के उद्घोष से गुंजायमान रहा. सभी साधु-संत बाबा बड़ौदा के समाधी स्थल पहुंचे और यहां पूजा-अर्चना की गई.
क्या है परंपरा
बताया गया कि 200 साल पहले इसी जगह पर जमशेदपुर के खरकई नदी किनारे बाबा बड़ौदा ने समाधी ली थी. इसके बाद यहां मंदिर का निर्माण हुआ और हर साल बांग्ला तिथि के अनुसार नव आसीन माह में बाबा बड़ौदा की याद में उनका समाधि दिवस मनाया जाता है. 24 सिंतबर से 6 दिनों तक साधु-संतों का जुटान होता है, जिन्हें आज 29 सितंबर को विदाई दी गई.
भंडारे का आयोजन
करीब 2000 साधु संत बागबेड़ा के बड़ौदा घाट पहुंचे हैं. पांच से 6 दिनों तक इसी घाट पर रह कर वे बाबा बड़ौधा की पूजा-अर्चना करते है. मौके पर बाबा बड़ौदा सेवा समिति की ओर से बृहत रूप से भंडारे का आयोजन किया जाता है. बिहार, बंगाल, ओडिशा समेत विभिन्न राज्यों से साधु संतों का समिति की ओर से भव्य स्वागत और सम्मान पूर्वक सेवा की जाती है. सेवा समिति की ओर से बताया गया कि बाबा बड़ौदा की याद में भंडारा का आयोजन किया जाता है. लगभग 200 साल से उनके पूर्वजों के द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है. इसमें शामिल होने वाले साधु-संतों का सम्मान पूर्वक विदाई समारोह भी हुआ.