Joharlive Team
रांची। छठी जेपीएससी में गड़बड़ी के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन सत्याग्रह के 33 वें दिन भी जारी रहते हुए जेपीएससी गेट के पास मंगलवार से आमरण अनशन शुरू हो गया।
मौके पर छात्र नेता देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छात्रों के आरक्षण के मुद्दे पर छठी जेपीएससी में गड़बड़ी को लेकर विपक्ष में रहते हुए भी स्वीकार करते हुए चार दिनों तक सदन चलने नहीं दिया था तथा चुनावी घोषणा पत्र में वादा भी किया था तथा सत्ता में आने के बाद बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए भी सदन में छठी जेपीएससी गड़बड़ी की बात स्वीकार किया, परंतु रद्द करने की वादा से यू – टर्न लेकर विवादित छठी जेपीएससी को आगे नियुक्ति प्रक्रिया कर रही है। जिसके खिलाफ अनिश्चितकालीन सत्याग्रह के 33 वें दिन के बाद आज से सत्याग्रह जारी रखते हुए आंदोलनकारी का एक नया स्वरूप जेपीएससी कार्यालय के गेट पर आमरण अनशन शुरू किया गया।
सत्याग्रह के 33 वें दिन में विभिन्न आदिवासी संगठनों के लोग सत्याग्रह स्थल पर पहुंचकर समर्थन दिया, जिसमें प्रमुख रूप से आदिवासी छात्र संघ के संजय महली, जय आदिवासी समाज के निरंजना हेरेंज टोप्पो, चंदन पहान, बेदिया समाज के ब्रजकिशोर बेदिया, गोंडवाना समाज के अनुज बेसरा, आदिवासी मोर्चा के अजय टोप्पो, के अलावा सैकड़ों लोगों ने समर्थन देते हुए सबों ने कहा कि अगर छठी जेपीएससी रद्द नहीं होती है झारखंड में उग्र आंदोलन होगा।
दूसरी तरफ आंदोलन के नए स्वरूप आमरण अनशन में इमाम सफी , गुलाम हुसैन, रीना कुमारी, के अलावा सैकड़ों लोग ने जारी रखा ।
अनशनकारियों ने कहा कि छठी जेपीएससी रद्द होने तक आमरण अनशन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप अजय चौधरी, देवेन्द्र नाथ महतो,संजय महली, सुरेन्द्र पासवान, उमेश प्रसाद, सुमित कुमार,राहुल राज, प्रतियुश, रवि, शंकर गोप, सिद्दीकी, रीना कुमारी, ऋचा कुमारी, मनोरंजन घोष, रूपेश कुमार, अजित कुमार, लक्की रामू राज, दयाल महतो के अलावा अन्य सैकड़ों छात्रों का आंदोलन को सफल बनाने में अहम योगदान दे रहें हैं।