Ranchi : झारखंड एकेडमिक काउंसिल यानी JAC द्वारा आयोजित होने वाली एक दर्जन से अधिक परीक्षाओं पर ग्रहण लग गया है. दरअसल 18 जनवरी को JAC अध्यक्ष अनिल कुमार महतो के कार्यकाल का अंतिम कार्य दिवस था. उसके बाद JAC (झारखंड एकेडमिक काउंसिल) अध्यक्ष विहिन हो गया है.
ऑटोनोमस बॉडी होने की वजह से JAC के कामकाज की जिम्मेदारी संवैधानिक रूप से अध्यक्ष में निहित है, जाहिर तौर पर अध्यक्ष के नहीं होने से मैट्रिक-इंटर सहित आधा दर्जन से अधिक परीक्षा आयोजित नहीं हो पाएगी. अगर JAC अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द नहीं की जाती है तो 28 जनवरी से होने वाली आठवीं बोर्ड और 29 जनवरी से नौवीं बोर्ड की परीक्षा को तत्काल टालना पड़ सकता है. इसी तरह JAC बोर्ड द्वारा मैट्रिक-इंटर की परीक्षा 11 फरवरी से निर्धारित है उसे भी टालना पड़ेगा. जिससे राज्य के लाखों छात्रों का भविष्य अधर में हो जाएगा. हालांकि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा है कि JAC अध्यक्ष का जल्द मनोनयन हो जायेगा. सरकार गंभीर है और मुख्यमंत्री स्तर से इसकी नियुक्ति की जाएगी.
इस दिन अनिल कुमार महतो बने थे जैक अध्यक्ष
काफी जद्दोजहद के बाद राज्य सरकार ने 18 जनवरी 2022 को डॉ अनिल कुमार महतो को JAC अध्यक्ष और विनोद सिंह को उपाध्यक्ष बनाया गया था. JAC अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्षों का होता है. इसी के तहत मिली जानकारी के अनुसार अपने अंतिम कार्य दिवस पर अपना अनुभव साझा करते हुए अनिल कुमार महतो ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि JAC जैसे संस्था का अध्यक्ष बनने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में मैंने 70 परीक्षा आयोजित की जो बिल्कुल ही पारदर्शिता के साथ भ्रष्टाचार मुक्त आयोजित हुआ.
अनिल कुमार महतो ने कहा कि कई राज्यों में प्रश्न पत्र लीक होने की खबरें आती रहती हैं, लेकिन झारखंड में हम लोगों ने ऐसी व्यवस्था कर रखी कि प्रश्न पत्र लीक होने का सवाल ही नहीं उठता है. अनिल कुमार महतो ने दावा करते हुए कहा कि मेरे कार्यकाल में सबसे कम समय में रिजल्ट घोषित करने का रिकॉर्ड बना. डिजिलॉकर में 3 करोड़ से अधिक सर्टिफिकेट हैं जो सुरक्षित हैं. व्यवस्था ऐसी है कि जैक की बिल्डिंग आज से जल सकती है लेकिन डॉक्यूमेंट को कोई क्षति नहीं होगी. हमने ऑनलाइन व्यवस्था करके जैक को पारदर्शी बनाया जिससे परीक्षार्थियों को घर बैठे सुविधा मिल सके.
बगैर अध्यक्ष कैसे होगा JAC बोर्ड की परीक्षा
JAC अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने पर एकेडमिक काउंसिल द्वारा आयोजित होने वाली करीब आधा दर्जन परीक्षा लटक गई है. सबसे पहले आठवीं, नौवीं, मैट्रिक, इंटर और ग्यारहवीं की परीक्षा निर्धारित समय पर नहीं हो सकेगी. इसके अलावे मध्यमा, मदरसा बोर्ड ,झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा जैसी एक दर्जन परीक्षा पर ग्रहण लग गया है. इतना ही नहीं JAC के प्रशासनिक कामकाज के भी प्रभावित होने की संभावना है.
इन्हीं परेशानियों को देखते हुए JAC ने राज्य सरकार से अध्यक्ष के मनोनयन के लिए पत्र लिखा है. गौरतलब है कि पिछली बार तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के हस्तक्षेप और व्यक्तिगत प्रयास के बाद 18 सितंबर 2021 से खाली पड़े अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के पद को अंततः 18 जनवरी 2022 को भरा गया था. रांची यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक और विनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रहे अनिल महतो को अध्यक्ष बनाया गया था जबकि केसी कॉलेज बेड़ो के प्रोफेसर इंचार्ज डॉक्टर विनोद सिंह उपाध्यक्ष बने थे.
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