Joharlive Team
रांची। डायन बिसाही का आरोप लगाते हुए एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या मामले में रांची पुलिस को 14 साल बाद एक उपलब्धि मिली है। रांची पुलिस ने लंबे वर्षो से फरार चल रहे हरि महतो को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हरि हत्या के बाद से रांची छोड़ कर फरार चल रहा था। पंजाब में अपनी पहचान छिपा कर मजदूरी का काम करता था, ताकि उसकी पहचान किसी को पता न चल सके। तुपुदाना ओपी प्रभारी मो तारिक ने गुप्त सूचना पर आरोपी हरि को कांके के गागी से पकड़ा है।
पुलिस के अनुसार आरोपी गागी स्थित अपने ससुराल में मकान बनाकर पत्नी और बच्चों को रखता था। छुट्टी मिलने पर बीच-बीच में रांची आता था। हाल ही में वह रांची आया था। वही पुराने मामले को निष्पादन करने के लिए तुपुदाना ओपी प्रभारी फ़ाइल खंगाल रही थे। इस दौरान हरि व अन्य आरोपितों की फरारी की जानकारी मिली। फिर उन्हें सूचना मिली कि हरि गागी स्थित अपने ससुराल में आया हुआ है। इसके बाद एक टीम बनाकर वहां छापेमारी की। जिसके बाद हरि को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
दस आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से है फरार
डायन बिसाही के आरोप में लंबे समय के बाद पुलिस को सफलता मिली है। हालांकि, इस मामले में दस आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार है। इतने लंबे समय तक सभी आरोपी अपनी पहचान छिपा कर दूसरे राज्यों में काम कर रहे होंगे।
तुपुदाना शिकायत करने आयी महिला को समझा था पागल, फिर धुर्वा इंस्पेक्टर ने की थी कार्रवाई
वर्ष 2005 में हजाम निवासी बिरबल महतो सहित उसके परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई। डायन बिसाही का आरोप लगाकर धारदार हथियार से हत्या हुई थी। देर रात सोते समय आरोपियों ने एक एक सदस्य को मार डाला था। बिरबल का रिश्तेदार आसमान महतो से विवाद चल रहा था। इसी विवाद को लेकर आसमान महतो ने ग्रामीणों को बिरबल की पत्नी के बारे में डायन बता कर हत्या के लिए उकसाया था। फिर बिरबल के घर को घेरकर पूरे परिवार को मार डाला गया था। हालांकि देर रात अंधेरे का फायदा उठाकर अपने पत्नी दुधमुंहे बच्चे के साथ झाड़ी में छुपकर रात बिताई थी। सुबह वह तुपुदाना ओपी पहुंचकर मामले की जानकारी दी थी। मगर उस समय पुलिस ने पागल समझकर मामले को हल्के में लिया था। इसके बाद धुर्वा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी कमाल खान ने मामले को गंभीरता से लेकर घटनास्थल पहुंचे तो शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया था। इसके बाद गांव में छापेमारी की थी। उस समय ग्रामीण फरार हो गए थे। बाद में मामले में आठ की गिरफ्तारी हुई थी।