रांची/नई दिल्ली। साहिबगंज से दिल्ली ले जाई गईं नौ लड़कियों को राष्ट्रीय राजधानी में मुक्त करा लिया गया। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि बचाई गईं लड़कियों को ट्रेन से वापस उनके गृह राज्य लाया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि साहिबगंज जिला प्रशासन को मामले की सूचना दे दी गई। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली से लड़कियों को लाने के लिए जिला बाल सुरक्षा अधिकारी पूनम कुमारी के नेतृत्व में एक दल का गठन किया है।
क्या है पूरा मामला?
मानव तस्करी को लेकर झारखंड सरकार और महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा दिल्ली में एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र चलाया जा रहा है। जिसके तहत मानव तस्करी के शिकार बच्चे एवं बच्चियों को मुक्त कराकर उनके जिलों में पुनर्वासित किया जाता है। केंद्र द्वारा दिल्ली एवं उसके निकटवर्ती सीमा क्षेत्र पर विशेष नजर रखी जाती है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, लड़कियों को दिल्ली पुलिस की मदद से हरियाणा व उत्तर प्रदेश से सटे दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में मुक्त कराया गया। वहीं पूनम कुमारी ने बताया कि सभी बचाई गईं लड़कियां रविवार को साहिबगंज के लिए ट्रेन से रवाना हुईं। पूनम कुमारी ने बताया कि, सभी बचाई गईं लड़कियों को झारखंड सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उनपर निरतंर नजर रखी जाएगी, ताकि वह फिर से मानव तस्करी का शिकार न हो पाएं।
बहला-फुसलाकर ले जाते हैं बाहर
दिल्ली से बचाई गईं लड़कियों को मानव तस्करों द्वारा वहां ले जाया गया था। पूनम कुमारी के मुताबिक, झारखंड में इस तरह के तस्कर बहुत सक्रिय है, जो युवतियों को दिल्ली में बेहतर जीवन देने का वादा कर उन्हें बहला-फुसलाकर वहां ले जाते हैं और नौकरी का झांसा देकर उन्हें विभिन्न घरों में बेच देते हैं. तस्करों को इस एवज में भारी-भरकम राशि मिलती है, लेकिन लड़कियों की जिंदगी तबाह हो जाती है।