- बिलिंग एजेंसी को अत्यधिक भुगतान के मामले में एसआईटी ने 9 अभियंताओं को दोषी पाया था।
- 4 अधिकारी रिटायर हुए, कुछ के प्रमोशन भी। झारखंड बिजली वितरण निगम विभागीय भ्रष्टाचार पर कोई कार्यवाही नहीं करता है।लगातार हो रहे भ्रष्टाचार के कारण निगम घाटे में है। और इसका असर रांची सहित अन्य शहरों के बिजली टैरिफ पर देखने को मिल रहा है। लगातार बिजली की दरें बढ़ती जा रही हैं। जबकि बिजली कट आज भी राज्य के लोगों के लिए सपना ही है। बिजली निगम खुद अपने भ्रष्टाचारी अधिकारियों को शह देने का काम कर रहा है।
विवेक आर्यन
रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम भ्रष्टाचारियों को शह देने में माहिर है। विभाग के अभियंताओं के नित नए कारनामे सामने आते है, जिसपर निगम चुप्पी साधे बैठा है। ना सिर्फ चुप्पी साधे है, बल्कि उनके प्रमोशन भी हो रहे है, जिनपर भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध हो चुका है।
राज्यभर के विभिन्न क्षेत्रों के 9 अभियंताओं ने बिलिंग एजेंसी को अत्यधिक भुगतान किया है। इसकी कुल राशि 3.5 करोड़ रुपये है। फरवरी महीने में इनपर आरोप सिद्ध हुआ, लेकिन अभी तक विभाग ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की है। यहां तक कि कई अधिकारियों के प्रमोशन भी हो गए हैं।
इनपर है आरोप –
आरोप सिद्ध हुए अधिकारियों में धनेश चा शुक्र खड़िया एचके सिंह व ओपी हम बस रिटायर हो चुके हैं वही मुकुल गरवारे चास में प्रदोष कुमार धनबाद में गोपाल मांझी ध्रुवा में अजीत कुमार धनबाद में और संजय कुमार राज्य मुख्यालय में कार्यरत हैं।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्यवाही के माहौल में सुस्त है बिजली निगम –
बिजली वितरण निगम स्तर की कई कहानियां हैं, जिन पर कभी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। बता दें कि इसके पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के मामले में कई लोगों के नाम सामने आए थे। इनमें वर्तमान में रांची एरिया बोर्ड के महाप्रबंधक संजय कुमार, रांची सर्किल के पूर्व अधीक्षण अभियंता अजीत कुमार, व रांची एरिया बोर्ड के पूर्व महाप्रबंधक धनिष्ठा सहित कई अन्य अभियंताओं के नाम संलिप्त हैं।
नुकसान में चल रहा है बिजली वितरण निगम –
वित्तीय मित्रता और भ्रष्टाचार की कहानियों का सीधा प्रभाव राज्य की जनता पर पड़ रहा है। बता दें कि झारखंड बिजली वितरण निगम घाटे में चल रहा है। और इसकी सबसे बड़ी वजह बिजली बिलिंग में आई गड़बड़ी है। नुकसान में होने के कारण बिजली निगम सीसीएल को समय पर पैसे नहीं दे पा रहा है। जिस कारण कोयला नहीं मिलने पर कई बार टीवीएनएल की यूनिटें बंद हो जाती हैं। जीरो बिजली कट की असफलता के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है।