झारखंड की 88 मिशनरी संस्थाओं को विदेशों से मिले 2.65 अरब विदेशी फंड की जांच सीआईडी ने शुरू कर दी है। सीआईडी ने मिशनरी संस्थाओं को नोटिस भेजकर संस्थाओं से दस बिंदूओं पर जवाब मांगा है। सीआईडी के अधीन एटीएस के डीएसपी अभय कुमार यादव ने मिशनरी संस्थाओं को नोटिस भेज कर जानकारी मांगी है। गौरतलब है कि वित्तिय वर्ष 2013- 14, 2014-15 और 2015-16 में झारखंड की एफसीआरए निबंधित संस्थाओं को मिले फंड की अनियमितता की शिकायत केंद्रीय गृहमंत्रालय से की गई थी। गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र लिखकर जांच का आदेश दिया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने सीआईडी जांच के आदेश दिए थे। सीआईडी की आर्थिक अपराध शाखा व एंटी करप्शन ब्यूरो पूरे मामले की जांच कर रहे। एटीएस एसपी पी मुरूगन को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं एडीजी सीआईडी प्रशांत सिंह पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
88 मिशनरी संस्थाओं को मिले 2.65 अरब विदेशी फंड की सीआईडी जांच शुरू
क्या क्या जानकारी मांगी
– एनजीओ का रजिस्ट्रेशन सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, कंपनी एक्ट या इंडियन ट्रस्ट एक्ट में से किसके तहत है।
– संस्था बनने की तीथी, कार्यक्षेत्र, ऑफिस बेयरर के नाम व पते
– फंडिंग का स्रोत एफसीआरए है या कोई दूसरा भी स्रोत है
– पांच साल के आय व्यय का पूरा ब्यौरा
– बैंक एकाउंट की पूरी जानकारी
– संस्था की संपत्ति की वर्षवार जानकारी। मसलन क्या खरीदा, किससे खरीद हुई, जमीन की खरीद हुई तो खाता नंबर, प्लांट नंबर व अन्य जानकारी, कितने में खरीद हुई, बाजार मुल्य क्या है।
– एफसीआरए के रजिस्ट्रेशन का पूरा डिटेल। एफसीआरए नंबर, एफसीआरए नंबर मिलने का वर्ष, सलाना विदेशी फंड प्राप्ति की जानकारी, दानदाता की जानकारी, तिमाही व वार्षिक आयकर रिर्टन की जानकारी, एफसीआरए बैंक एकाउंट डिटेल की जानकारी।
– संस्थाओं से पूछा गया है कि क्या वह विदेशी व देश के भीतर के दानदाताओं के लिए अलग अलग बैंक खातों का इस्तेमाल करते हैं।
– संस्था के किसी आफिस बेयरर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है या नहीं।
– क्या संस्था का कोई आफिस बेयरर किसी आपराधिक मामले में दोषी करार दिया गया है।

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