रांची । उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के द्वारा खौफ के बल पर कमाई गई करोड़ों की रकम को रियल स्टेट और होटल कारोबार में लगाने वाले निवेश कुमार सहित आठ की गिरफ्तारी के साथ साथ अंजली नाम की एक युवती भी पुलिस की गिरफ्त में आई है. अंजली उर्फ लिली के बारे में कहा गया था कि वो निवेश की गर्लफ्रेंड है. दरअसल, अंजलि और लिली का वास्तविक नाम कनिस फातिमा है. अंजलि भारतीय नागरिक भी नहीं है बल्कि वह बांग्लादेश की रहने वाली है.

नक्सली संगठन पीएलएफआई का बांग्लादेश कनेक्शन की जानकारी पुलिस को मिली है. अंजलि उर्फ लिली उर्फ कनिस फातिमा बांग्लादेश के खुलना नामक जगह की रहने वाली है. पिछले 7 सालों से कनीज फातिमा दिल्ली में अंजली नाम से रह रही थी. पुलिस की पूछताछ में फातिमा ने यह बताया है कि बांग्लादेश से दिल्ली आने के बाद उसने अपना नाम अंजली रख लिया.

फातिमा के अनुसार सबसे पहले उसने अपना नाम बदल लिया. उसके बाद वह दिल्ली में सेक्स रैकेट के धंधे में शामिल हो गई. इस दौरान वह दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जिस्मफरोशी करती रही. दिल्ली की बदनाम गलियों में ही रहकर वह अपनी जीविका चला रही थी.

उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के करोड़ों की ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए निवेश अक्सर दिल्ली जाया करता था. शराब और लड़कियों के शौकीन निवेश की मुलाकात इसी दौरान बांग्लादेश की फातिमा उर्फ अंजली से हो गई. इसके बाद जब भी निवेश दिल्ली जाता फातिमा अपने शौक को पूरा करने के लिए उसके पास पहुंच जाती थी. लगातार मुलाकात के बाद निवेश और फातिमा में काफी अच्छी दोस्ती हो गई. निवेश कुमार उसे अपनी पत्नी के रूप में दिल्ली में रखने लगा था. इस दौरान निवेश ने जो होटल लेवी के द्वारा कमाई के पैसे से दिल्ली में खोला था, उसकी जिम्मेवारी फातिमा को दे दी.

निवेश अपने साथियों के साथ लगातार पीएलएफआई के द्वारा वसूली गई अकूत संपत्ति को रियल स्टेट और होटल के कारोबार में लगा रहा था. इस दौरान वह लाखों रुपए के लेन-देन किया करता था. पैसे अधिकांशत चार पहिया वाहन से ही ले जाया जाता था. निवेश ने प्लान के तहत ही बीएमडब्ल्यू, थार और दूसरी महंगी गाड़िया खरीदी थी. ताकि किसी को भी शक न हो.

निवेश महंगे कार में फातिमा उर्फ अंजली को बिठा कर पैसे नगद एक शहर से दूसरे शहर भेजता था. फातिमा को पत्नी के रूप में बिठा कर, बकायदा ड्राइवर को ड्रेस पहना पैसे इधर उधर किये जाते थे. रांची पुलिस की पूछताछ में फातिमा बताया है कि वह सात साल पहले बंग्लादेश के खुलना जिले से दिल्ली पहुंची थी. दो साल पहले निवेश से उसकी पहचान हुई. जिसके बाद वह लगातार उसके साथ रह रही थी. बांग्लादेश का खुलना वही जिला है जहां पिछले साल अल्पसंख्यक समाज के खिलाफ जमकर हिंसा हुई थी.


रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि फिलहाल फातिमा से पुलिस पूछताछ कर रही है. पूरे मामले में उसकी संलिप्तता है या नहीं यह जानने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं फातिमा फर्जी तरीके से भारत आई है या उसका पासपोर्ट है. इसकी जानकारी जुटाई जा रही है. फिलहाल फातिमा की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उसे हिरासत में रखा गया है.

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