Joharlive Desk

नई दिल्ली। भारत में साइबर हमले की घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है। वर्ष 2020 के आठ महीने के भीतर करीब सात लाख बार साइबर अटैक की घटनाएं हुई हैं। लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने यह जानकारी दीै। बतया गया कि 2015 में जहां 49455 बार साइबर अटैक के मामले हुए थे, वहीं अगस्त 2020 तक कई गुना ज्यादा 696938 यानी करीब सात लाख घटनाएं हुईं।

दरअसल, बहुजन समाज पार्टी के सांसद रितेश पांडेय ने सोमवार को लोकसभा में एक अतारांकित सवाल करते हुए पूछा था कि पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रतिवर्ष कितने भारतीय नागरिकों और भारत में कंपनियों को साइबर अटैक का सामना करना पड़ा है? क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि भारत की पहचान सर्वाधिक साइबर हमलों में से शीर्ष पांच देशों में की गई है। भारत में साइबर हमले में वृद्धि के क्या कारण हैं?

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्यौगिकी राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने इस सवाल का लिखित जवाब देते हुए पिछले पांच वर्ष में साइबर अटैक से जुड़े मामलों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट इन) की रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में 49455, 2016 में 50362, 2017 में 53117, 2018 में 208456, 2019 में 394499 और अगस्त 2020 तक 696938 साइबर सुरक्षा से जुड़ीं घटनाएं हुईं। उन्होंने मार्च, 2020 में एक वेंडर के मीडिया आर्टिकल के दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि भारत उन पांच शीर्ष देशों में से एक है, जहां सर्वाधिक मात्रा में साइबर हमले होते हैं। मंत्री ने कहा कि ऐसी वेंडर रिपोर्ट वैध नहीं है।

मंत्री ने बताया कि इंटरनेट और मोबाइल फोन के बढ़ते इस्तेमाल से देश में और वैश्विक स्तर पर साइबर सुरक्षा की घटनाओं की संख्या मे वृद्धि हुई है। सरकार ने साइबर सुरक्षा की स्थिति में सुधार करने और साइबर हमलों को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं। मसलन, कंप्यूटर और नेटवर्क की सुरक्षा के लिए समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी होते हैं।

सरकार ने साइबर हमलों और साइबर आतंकवाद का सामना करने के लिए सभी मंत्रालयों, विभागों और संगठनों के लिए साइबर आपदा प्रबंधन योजना बनाई है और साइबर स्वच्छता केंद्र शुरू किया है।

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