चंडीगढ़ : रूस में फंसे पंजाब और हरियाणा के सात युवकों के एक ग्रुप ने मदद के लिए गुहार लगाई है. सभी लड़कों का कहना है कि उन्हें रूस में सैन्य सेवा के लिए धोखे से ले जाया गया और यूक्रेन संघर्ष में लड़ने के लिए भेज दिया गया. गगनदीप सिंह (24), लवप्रीत सिंह (24), नारायण सिंह (22), गुरप्रीत सिंह (21), गुरप्रीत सिंह (23), हर्ष कुमार (20) और अभिषेक कुमार (21) ये सभी युवक पंजाब और हरियाणा से हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में इन युवकों को एक मंद रोशनी वाले कमरे में देखा जा सकता है. इस वीडियो में इन्होंने सैन्य कर्मियों की जैकेट और सिर में टोपी पहनी हुई है.
23-year-old man who said he is from #Gurdaspur #Punjab #GagandeepSingh called @ndtv @ndtvindia to appeal to @MEAIndia @states_mea @DrSJaishankar to help them return to India; says 7 of them who met in Russia may be deployed any time, without any training, to fight war in #Ukraine pic.twitter.com/re6eFuyY1v
— Uma Sudhir (@umasudhir) March 4, 2024
हरियाणा के करनाल जिले के 19 वर्षीय हर्ष ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया है जिसमें उनकी स्थिति का विवरण दिया गया है. इस वीडियो के जरिए उसने सहायता की अपील की है. हर्ष के अनुसार, वे नए साल का जश्न मनाने के लिए 27 दिसंबर को 90 दिनों के वैध वीजा के साथ रूस गए थे. उन्हें एक एजेंट ने धोखा दिया जिसने उन्हें बेलारूस ले जाने का वादा किया था, लेकिन उन्हें वीजा की आवश्यकता के बारे में सूचित नहीं किया गया था. जब वे बेलारूस पहुंचे तो एजेंट ने और पैसों की मांग की. उन्होंने उसे पैसे भी दिए, लेकिन पैसे लेकर वो उन्हें वहीं छोड़कर चला गया. इसके बाद वहां की पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और रूसी अधिकारियों को सौंप दिया.
वीडियों में हर्ष ने बताया कि उन्हें कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया. अब उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. वहीं हर्ष के परिवार ने खुलासा किया कि वो विदेश में जाकर नौकरी करना चाहता था. उसे एजेंट द्वारा बताया गया था कि रूस के रास्ते जाना दूसरे देश में प्रवास करना आसान बना देगा. वहीं गुरप्रीत सिंह के भाई अमृत सिंह ने कहा कि बेलारूस में उनके द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेज रूसी में होने के कारण पुरुषों को सैन्य सेवा में मजबूर किया गया. उन्हें 10 साल की कैद या रूसी सेना में शामिल होने का विकल्प दिया गया था.