रांची : राजधानी रांची में दिवाली की रात ध्वनि प्रदूषण का स्तर सामान्य से 65.88% अधिक दर्ज किया गया. दिवाली शांत क्षेत्र में अधिकतम मानक 15 डेसिबल के मुकाबले गुरुवार रात 74.65 डेसिबल तक ध्वनि रिकॉर्ड की गई. यह आंकड़ा 24 अक्टूबर को दर्ज किए गए स्तर से 5.27% अधिक है, जब ध्वनि 70.91 डेसिबल रही थी.
दो घंटे ही जलाने थे पटाखे
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, डोरंडा इलाके में शाम 6 बजे से आधी रात के बीच 74.65 डेसिबल का औसत ध्वनि प्रदूषण रहादिवाली अलबर्ट एक्का चौक पर यह 73.03 डेसिबल, जबकि अशोक नगर में 52.28 डेसिबल दर्ज किया गयादिवाली ध्यान रहे कि बोर्ड ने पटाखे फोड़ने के लिए रात 8 बजे से 10 बजे तक का समय निर्धारित किया था, और 125 डेसिबल से अधिक उत्सर्जन वाले पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध है.
अल्बर्ट एक्का चौक पर पीएम-10 चार गुना ज्यादा
दिवाली पर रांची में वायु गुणवत्ता भी चिंताजनक रही. दिवाली अलबर्ट एक्का चौक पर सुबह 6 बजे से अगले सुबह 6 बजे के बीच औसत पीएम-10 का स्तर 404.7 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, जो कि 100 माइक्रोग्राम की सीमा से चार गुना अधिक है. दिवाली पीएम 2.5 का स्तर भी 198.3 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया, जो स्वीकार्य सीमा से काफी अधिक है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
विशेषज्ञों का मानना है कि हर साल दिवाली के अगले दिन वायु गुणवत्ता सामान्य स्तर पर लौट आती है, और इस बार भी ऐसा होने की उम्मीद है.. जेएसपीसीबी के सदस्य राजीव लोचन बवशी ने कहा कि दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, लेकिन इसके बाद स्थिति में सुधार होता है.