रांची। झारखंड में नियोजन नीति के खिलाफ शुक्रवार को बेरोजगार युवाओं ने ट्विटर पर अपना विरोध शुरू कर दिया है। इसके लिए ट्विटर अभियान चलाया गया है। इसे ‘60_40_नायचलतो’ (60-40 नहीं चलेगा) अभियान नाम दिया गया है। इसी का नतीजा है कि #60_40नाय_चलतो ट्विटर पर खूब ट्रेंड कर रहा है। अब तक 2.21 लाख से अधिक लोगों ने इस हैशटैग से ट्वीट किया है। भाजपा ने भी इस अभियान का समर्थन किया है।

झारखंड भाजपा के शीर्ष नेताओं बाबूलाल मरांडी और दीपक प्रकाश ने इनके समर्थन में शुक्रवार को ट्वीट किया। आजसू पार्टी के स्टूडेंट यूनियन ने भी सुर में सुर मिलाया है, तो वहीं कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण को भाजपा की साजिश बताया है।

शुक्रवार सुबह 10 बजे से हेमंत सरकार की प्रस्तावित नियोजन नीति के खिलाफ सोशल मीडिया पर शुरू किए गए अभियान का असर शुरुआती एक-दो घंटों में ही ऐसा दिखा कि यह ट्विटर पर टॉप टेन में ट्रेंड करने लगा।

गुलाम हुसैन सहित अन्य युवाओं के मुताबिक 60:40 की प्रस्तावित नियोजन नीति नहीं है बल्कि झारखंड को बिहारी-यूपीकरण बनाने की नीति है। इसके तहत जो बाहरी घुसेंगे, रिटायरमेंट के बाद यहीं इनके बच्चों को 20 साल बाद झारखंडी मानना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि झारखंडी युवाओं का हित देखते हुए नियोजन नीति बनानी होगी। ऐसा नहीं करने पर झारखंड के युवाओं का करियर तो खत्म होगा ही, पर हेमंत सरकार का राजनीतिक कैरियर भी खत्म हो जाएगा।

युवा रंजीत कुमार महतो लिखते हैं कि पहले तीन साल सरकार ने उलझाए रखा। गलत नीति जानबूझ कर बनाया, ताकि रद्द होने पर विपक्षी पार्टी पर इल्जाम लगा सकें और फिर अपने वोट बैंक वास्ते 60-40 का नियम बना सकें। यही है अपनी मूलवासी आदिवासी की सरकार, शर्मनाक, झारखंड यूथ।

एग्जाम फाइटर के एकाउंट से सरकार को नियोजन नीति पर घेरा गया है। नियोजन नीति से बाहरी राज्यों के कैंडिडेट के आने से राज्य के स्थानीय युवाओं का भविष्य बर्बाद होने की आशंका जताई गई है। खतियानी नियोजन नीति लागू किए जाने की डिमांड की गई है।

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने #60_40_नाय_चलतो को सपोर्ट देते कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को युवा कोयला, बालू, पत्थर, दारू, ट्रांसफर, जल, जंगल, जमीन चोर कह रहे हैं। हेमंत को भले यह सुनने में अच्छा लग रहा हो पर उन्हें इस पर अकेले में मंथन करना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के मुताबिक हेमंत सरकार ने शुरू से ही युवाओं के साथ झूठ बोला है। पहले साल पांच लाख नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, नियुक्ति वर्ष की बात की। सरकार सदन में कुछ और बोलती है, जनता के बीच कुछ और अब युवा ना तो सरकार के झांसे में आने वाले हैं और न डरने वाले हैं।

भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी के मुताबिक इस ठगबंधन सरकार के पास ना नीति है और ना ही नियत। सरकार का छल प्रपंच युवा समझ चुके हैं। एक स्वर में पूरा राज्य कह रहा है #60_40नाय_चलतो।

आजसू पार्टी के छात्र संघ से जुड़े रहे गौतम सिंह के मुताबिक सरकारें हमेशा प्रगतिशील दिखती हैं, आगे बढ़ती दिखती हैं, ठोकर खाकर गिरती हैं। फिर उठ आगे बढ़ने की बजाय सरकार यूटर्न लेकर पीछे चलने लगती है। युवाओं की उम्र बढ़ रही है। हेमंत सरकार की युवा विरोधी नीति भी बढ़ रही है।

इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं और उसके रोजगार के मुद्दे पर संवेदनशील रही है। फिलहाल राजनीतिक षडयंत्र के तहत सारा तमाशा हो रहा है, जिन्होंने आज तक राज्य के युवाओं के लिए कुछ नहीं किया, वे अभी राजनीतिक रोटी सेंक में लगे हैं। युवाओं को किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए। बाबूलाल मरांडी सहित अन्य भाजपाई नेताओं की दुनिया ट्विटर पर ही चलती है। वे अपनी पार्टी के लिए फ्यूज बल्ब साबित हो चुके हैं। उससे रोशनी की उम्मीद बेमानी है।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों का कहना है कि युवाओं की राय के आधार पर सरकार ने जो नियोजन नीति बनायी है, वह उचित नहीं है। सरकार की नयी नियोजन नीति की वजह से उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। यही वजह है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अभ्यर्थियों की मांग है कि राज्य सरकार खतियान आधारित नियोजन नीति लागू करे।

उल्लेखनीय है कि झारखंड के विभिन्न जिलों में खतियान आधारित नियोजन नीति समर्थक युवा राज्य सरकार की ओर से युवाओं की राय लेकर बनायी गयी नियोजन नीति का विरोध कर रहे हैं। राज्य सरकार ने ऑडियो कॉल सर्वे के आधार पर नियोजन नीति पर जेपीएससी की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की राय मांगी थी। सरकार ने कहा है कि करीब आठ लाख युवाओं की राय लेने के बाद सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वर्ष 2016 की नियोजन नीति को लागू किया जाना चाहिए। करीब 73 फीसदी अभ्यर्थियों ने इसके समर्थन में अपनी राय दी थी।

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