रांची: झारखंड के 47 प्रवासी मजदूर अफ्रीका के कैमरून में फंसे हुए हैं. इनमें हजारीबाग के 31, बोकारो के 13 और गिरिडीह के 2 मजदूर शामिल हैं. यह मजदूर पिछले चार महीने से बिना मजदूरी के काम कर रहे हैं और कंपनी द्वारा भुगतान न किए जाने के कारण उनके पास खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं बचा है. मजदूरों ने अपनी स्थिति को सोशल मीडिया पर साझा किया और सरकार से अपनी वतन वापसी की गुहार लगाई है. इन मजदूरों के अनुसार, उन्हें काम करने के बावजूद वेतन नहीं मिल रहा, जिससे उनके सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से मजदूरों की सकुशल वापसी के लिए ठोस कूटनीतिक कदम उठाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई मजदूर विदेशों में फंस चुके हैं. इससे पहले, कैमरून से 27 मजदूरों की वापसी में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. सिकंदर अली ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए रोजगार की व्यवस्था की जाए, ताकि वे विदेश जाने के लिए मजबूर न हों.