Joharlive Team
नई दिल्ली : आज के समय हर आदमी की जरूरी है नौकरी। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर किसी को काम करना पड़ता है। ताकि उनका घर चल सके। ऐसे में एक सर्वे से मिले आंकड़ों के अनुसार भारत में 45 फीसदी काम करने वालों को दस हजार से कम वेतन मिलता है। एक ओर जहां महंगाई बढ़ती जा रही है वैसे में इतने कम वेतन में उनका गुजारा कैसे होगा। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने एनएसएसओ द्वारा पुराने रोजगार डाटा को हटाकर के नया पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे जारी कर दिया है। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए जारी किए गए सर्वे के अनुसार 2011-12 से 2017-18 के बीच कामकाजी लोगों की संख्या में पांच फीसदी का इजाफा हुआ है। सर्वे के अनुसार जो महिलाएं और पुरुष नौकरी करते हैं, वो कैजुअल और स्वंय का कार्य करने वालों से ज्यादा कमाते हैं।
सर्वे के अनुसार चौकीदार और कूड़ा बीनने वालों को सबसे कम वेतन मिलता है। इनको औसतन सात हजार रुपये वेतन मिलता है। दूसरे स्थान पर मछली पालन और कृषि कार्य करने वाले व्यक्ति हैं। पूरे देश में एक-चौथाई आबादी 20 हजार रुपये से कम वेतन पाती है।
हालांकि कमाने के मामले में अभी भी शहर और गांव के बीच खाई जारी है। सभी सेक्टर में शहर में मिलने वाला वेतन, गांव के लोगों को कम मिलता है। वहीं महिलाओं और पुरुषों को मिलने वाले वेतन में भी काफी असमानता पायी गई।
63 फीसदी महिलाओं को 10 हजार रुपये से कम वेतन मिलता है। वहीं 32 फीसदी महिलाओं को पांच हजार रुपये वेतन मिलता है। ग्रामीण इलाकों में 55 फीसदी लोग 10 हजार रुपये से कम का वेतन पाते हैं। शहरी इलाकों में संख्या 38 फीसदी है।
सर्वे के अनुसार पूरे देश में केवल तीन फीसदी कामकाजी संख्या ऐसी है, जो कि अच्छी सैलरी पाती है। इनका वेतनमान 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये के बीच है। वहीं एक लाख रुपये से ज्यादा का वेतन पाने वालों की संख्या महज 0.2 फीसदी है।
ग्रामीण इलाकों में पुरुषों को औसतन हर महीने 13 से 14 हजार के बीच वेतन मिला है। वहीं महिलाओं को 8500 से लेकर के 10 हजार रुपये के बीच वेतन मिला है। दूसरी तरफ शहरी इलाकों में काम करने वाले पुरुषों को औसतन 17 से 18 हजार रुपये के बीच और महिलाओं को 14 से 15 हजार रुपये के बीच वेतन मिला है।
आबादी के हिसाब से देखें तो ग्रामीण इलाकों में 54.9 फीसदी पुरुष और 18.2 फीसदी महिलाएं नौकरी करती हैं। वहीं शहरी इलाकों में 57 फीसदी पुरुष और 15.9 फीसदी महिलाएं नौकरी करती हैं। स्व-रोजगार से 52.2 फीसदी लोग गांवों में अपनी कमाई करते हैं, वहीं शहरों में इसका आंकड़ा 32.4 फीसदी है।
वहीं सर्वे में यह भी दिखाया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम वेतन मिलता है।