रांची : सियासी उठापटक के बीच शुक्रवार को जेएमएम के चंपई सोरेन के सीएम पद की शपथ ली. इसी बीच गठबंधन के 37 विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया था. विधायकों के वहां पहुंचने के बाद एआईसीसी की तेलंगाना प्रभारी दीपा दास मुंशी और राज्य के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने विधायकों की अगवानी की. झारखंड में गठबंधन का प्रमुख घटक दल कांग्रेस तेलंगाना में सत्ता में है. विधायकों के पहुंचने के तुरंत बाद, उन्हें लग्जरी बसों में लेकर बाहरी इलाके शमीरपेट में “लियोनिया हॉलिस्टिक डेस्टिनेशन” रिजॉर्ट के लिए रवाना किया गया. इस रिजॉर्ट में कई सुविधाओं के साथ ही बैंक्वेट हॉल, बैठक और कार्यक्रम करने की भी व्यवस्था है.
जानकारी के मुताबिक रिजॉर्ट में सभी 37 विधायकों को ओहबिज़ ब्लॉक में रखा गया है जो चार मंजिला है. रिज़ॉर्ट में अन्य मेहमानों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है. जहां इन विधायकों को रखा गया है वहां सिर्फ एक लिफ्ट को ही चालू रखा गया. जिसमें पुलिस के जवान मौजूद हैं. रिजॉर्ट के पहले तल पर विधायकों के लिए अलग से भोजन की व्यवस्था की गई है. ब्लॉक में कुल 14 मंजिलें हैं. विधायकों के हर कमरे के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. हालांकि विधायकों को अपना मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की अनुमति है.
रिजॉर्ट के आसपास कड़ी सुरक्षा
पुलिस ने रिजॉर्ट की ओर जाने वाली सड़क पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं और प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. नियमित सुरक्षा व्यवस्था के तहत वहां पुलिसकर्मी भी तैनात किये गये हैं. तेलंगाना कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया कि झारखंड के विधायक 5 फरवरी को चले जाएंगे, जब चंपई सोरेन सरकार फ्लोर टेस्ट करेगी.
सोमवार को रांची लौटेंगे सभी विधायक
सूत्र ने कहा, “वे सोमवार को रवाना होंगे. विश्वास मत सोमवार को ही है.” जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों ने गुरुवार को ही रांची से हैदराबाद जाने की मांग की थी. हालांकि, दृश्यता कम होने के कारण गुरुवार को उनका विमान उड़ान नहीं भर पाया था. सत्तारूढ़ गठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि विधायकों को हैदराबाद भेजने का निर्णय यह देखते हुए लिया गया था कि विपक्षी दल भाजपा उन्हें तोड़ने का प्रयास कर सकती है.
कोई जोखिम नहीं लेना चाहता गठबंधन
जेएमएम गठबंधन को आशंका है कि बीजेपी उनके विधायकों को तोड़ सकती है. जिससे चंपई सोरेन सरकार को विश्वास मत हासिल करने में मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता है. जेएमएम गठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हमें सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिनों का समय दिया गया था. हम इस अवधि के दौरान कोई जोखिम नहीं ले सकते क्योंकि भाजपा हमारे विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर सकती है.
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