रांची: सदर थाना क्षेत्र में स्थित फेयरडील हुंडई कंपनी में कार के कीमत की इनवॉइस में हेरफेर कर 30 लाख की हेराफेरी का मामला सामने आया है. मामले को लेकर फेयरडील हुंडई कंपनी के सेल्स मैनेजर ने सदर थाना में एफआईआर दर्ज कराई. जिसके बाद जांच किए जाने पर कंपनी के ही दो कर्मी दोषी पाए गए हैं. कंपनी को डीटीओ की ओर से नोटिस भेजे जाने के बाद मामला सामने आया है. सदर थाना में सेल्स मैनेजर निरंजन कुमार की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि कंपनी को रांची डीटीओ ने 29 नवंबर 2021 को एक नोटिस भेजा था, जिसमें सरकारी राजस्व की क्षति किए जाने का आरोप लगाया गया था और कहा था कि कंपनी की ओर से वाहनों का निबंधन शुल्क कम दिया जा रहा है. इस नोटिस के बाद कंपनी ने आंतरिक जांच की.
जिसमें पता चला कि दो ग्राहकों को जाली इनवॉइस देकर गाड़ी के वास्तविक कीमत में छेड़छाड़ की गई थी. जब यह कागजात कंपनी के पदाधिकारियों को दिखाया गया तो कंपनी के मैनेजमेंट की ओर से एक अलग जांच कमेटी का गठन किया गया. जांच में पाया गया कि वाहनों के रजिस्ट्रेशन संबंधित कार्यों की जिम्मेदारी संतोष कुमार और उसके सहयोगी कुमार सौरव को दी गई थी. इनसे पूछताछ में पता चला कि कंपनी की ओर से निर्गत वास्तविक कागजातों में इन्होंने ही हेराफेरी के लिए छेड़छाड़ की थी. जांच में दोषी पाए जाने के बाद कंपनी के दोनों कर्मी संतोष कुमार और कुमार सौरव पर 30 लाख की हेराफेरी और कार के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में छेड़छाड़ का आरोप लगाकर केस दर्ज कराया गया है.
कंपनी की ओर से की गई इंटरनल जांच के दौरान यह भी जानकारी मिली है कि दोनों कर्मियों ने 2 दर्जन से अधिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन में छेड़छाड़ कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया था. साथ ही कंपनी की शाख का भी नुकसान किया गया है. दोनों ने गलत ढंग से कंपनी के 30 लाख रुपये की हेराफेरी कर गबन किया. इन दोनों को कारण बताओ नोटिस दिए जाने के बाद स्पष्टीकरण मांगा गया था. जिसमें दोनों ने यह स्वीकार किया कि दो ग्राहकों से अपने बैंक खाते में वाहन रजिस्ट्रेशन का पैसा मंगवाया था. इसी दौरान टैक्स इनवॉइस, टेंपररी रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस के कागजातों में छेड़छाड़ भी की गई थी.