Joharlive Desk
नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में रिटर्न दाखिल करने की नई प्रक्रिया से छोटे कारोबारियों को सबसे ज्यादा फायदा होने जा रहा है। इनमें से करीब 28 लाख असेसी यानी कारोबारियों को मोबाइल फोन से सिर्फ एसएमएस भेज कर रिटर्न दाखिल करने की सुविधा मिल जाएगी। यही नहीं, 50 लाख से ज्यादा छोटे कारोबारियों को तीन महीने में सहज और सुगम फार्म से तीन महीने में एक बार रिटर्न दाखिल करना होगा। नई प्रणाली के तहत आगामी एक अप्रैल से रिटर्न दाखिल होगा।
जीएसटी नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रकाश कुमार ने बताया कि नई प्रणाली में छोटे कारोबारियों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस समय कुल रिटर्न दाखिल करने वालों में 22.73 फीसदी या करीब 28 लाख कारोबारियों की तरफ से एक पैसे का भी कर जमा नहीं होता है।
हालांकि उन्होंने जीएसटी नंबर लिया हुआ है और इसके तहत रिटर्न दाखिल करने की बाध्यता के चलते उन्हें रिटर्न दाखिल करना पड़ता है। इनके लिए नई प्रणाली में एक विशेष श्रेणी बना दी गई है। ऐसे करदाता अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर से सिर्फ एसएमएस भेज कर अपना रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।
जैसे ही वह निल रिटर्न टाइप पर एसएमएस भेजेंगे, उनके पंजीकृत नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। इस ओटीपी को वापस भेजने पर उनका रिटर्न दाखिल किया हुआ माना जाएगा।ओटीपी की बाध्यता के सवाल पर उन्होंने कहा, कई बार असेसी कहते हैं कि गलती से भी एसएमएस चला गया है, उन्होंने एसएमएस नहीं भेजा है। ऐसे मामलों में ही वेरिफिकेशन का आसान जरिया ओटीपी है।
पांच करोड़ रुपये तक कारोबार पर सहज और सुगम
प्रकाश कुमार ने बताया कि साल में पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को पहले जीएसटीएन 3बी फार्म भरने की ही बाध्यता थी, लेकिन अब इस सीमा तक कारोबार करने वालों के लिए दो फार्म बनाए गए हैं। जो कारोबारी साल में पांच करोड़ रुपये तक का माल बेचते हैं और सिर्फ खुदरा सामान बेचते हैं या बी2सी कारोबार करते हैं, उनके लिए जीएसटी आरईटी-2 फार्म बनाया गया है।
इसे ही सहज नाम दिया गया है। इसमें कारोबारी को कर तो हर महीने भरना होगा, लेकिन रिटर्न तीन महीने में भरना होगा। इसी तरह साल में पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले वैसे कारोबारी जो सिर्फ थोक माल बेचते हैं या बी2बी कारोबार करते हैं, के लिए जीएसटी आरईटी-3 या सुगम फार्म बनाया गया है। यह फार्म भी तिमाही आधार पर ही भरा जाएगा लेकिन कर का भुगतान मासिक होगा।
ऑफलाइन टूल जारी
उन्होंने बताया कि कारोबारी नई प्रणाली से आसानी से घुलमिल सके, इसके लिए नई प्रणाली का ऑफलाइन टूल जारी कर दिया गया है। इसे परीक्षण (ट्रायल रन) के लिये जारी किया गया है। इसे जीएसटी नेटवर्क की वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है। उनका कहना है कि इसका उपयोग कर कारेेबारी देखें कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है। यदि गड़बड़ी है तो उसे सुधारा जाएगा।