एएनआई, शिमला: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में 31 जुलाई की रात बादल फटने से आई बाढ़ में अभी भी 55 लोग लापता है। शुक्रवार को शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के तहत दोघरी क्षेत्र में चार और रामपुर उपमंडल के नोगली में एक शव मिला है। अब तक 26 शव बरामद हो चुके हैं। वहीं, लापता लोगों की तलाश के लिए शिमला पुलिस ने शनिवार को समेज गांव से लेकर सतलुज नदी के किनारे सुन्नी क्षेत्र तक विभिन्न स्थानों पर तलाशी और बचाव अभियान जारी रखा।

पहाड़ों पर भारी बारिश से तबाही जारी है. हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार तक भूस्खलन और बाढ़ की वजह से कम से कम 128 सड़कें बंद कर दी गईं हैं. मौसम विभाग ने यहां आज भी अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली के साथ भारी से बहुत बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और 15 अगस्त तक भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, मंडी में 60, कुल्लू में 37, शिमला में 21, कांगड़ा में पांच, किन्नौर में चार और हमीरपुर जिले में एक सड़कें बंद हैं. इसके अलावा 44 बिजली और 67 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हुईं हैं. स्रोतों में गंदगी के कारण शिमला में भी पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है. बता दें कि बारिश से संबंधित घटनाओं में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और 27 जून से 9 अगस्त के बीच राज्य को लगभग 842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

किस किस जिलों में हो सकता है बाढ़ का खतरा

आईएमडी ने शनिवार तक मंडी, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, शिमला और कुल्लू जिलों के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ के खतरे की चेतावनी भी दी है. इसके अलावा शनिवार को ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग ने तेज हवाओं और निचले इलाकों में जलभराव के कारण वृक्षारोपण, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान की संभावना जताई है.

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