रांची। रांची समेत पूरे राज्य के अधिवक्ता सोमवार को न्यायिक कार्य से दूर हैं। अधिवक्ता कोर्ट परिसर तो पहुंचे, लेकिन वे अपने टेबल पर ही बैठे रहे। अधिवक्ताओं ने काला बिल्ला लगाकर कोर्ट फीस में बढ़ोतरी पर विरोध जताया। अधिवक्ताओं ने कहा कि सरकार कोर्ट फीस में बढ़ोतरी कर जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा रही है। कोर्ट फीस में दोगुने से चार गुना की वृद्धि हुई है। अधिवक्ताओं ने कोर्ट फीस में बढ़ोतरी को तत्काल वापस लेने की मांग की।

झारखंड स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर राज्य के करीब 25000 अधिवक्ता सोमवार को न्यायिक कार्य से दूर हैं। झारखंड हाई कोर्ट में भी अधिवक्ता सुबह 10:30 बजे एडवोकेट हॉल और अपने एडवोकेट चैंबर पहुंचे। हाई कोर्ट के जज भी अपने समय अनुसार कोर्ट रूम में बैठे, लेकिन कोई भी अधिवक्ता बहस में शामिल नहीं हुआ। रांची सिविल कोर्ट में भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य में शामिल नहीं हुए। कई मुवक्किल कोर्ट परिसर पहुंचे, लेकिन अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य में शामिल नहीं होने के कारण वे वापस लौट गए।

रांची सिविल कोर्ट में जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजय विद्रोही ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द कोर्ट फीस की बढ़ोतरी को वापस ले, अन्यथा आने वाले समय में और तेज आंदोलन होगा।

हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने कहा कोर्ट फीस की वृद्धि से अधिवक्ता तो कम प्रभावित होंगे, लेकिन सबसे ज्यादा असर मुवक्किलों पर पड़ेगा। उन्होंने सरकार से कोर्ट फीस में बढ़ोतरी पर फिर से विचार करने की अपील की।

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