Joharlive Team
लोहरदगा,: अंधविश्वास में तीन लोगों को जलाकर मार डालने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गोपाल पांडे की अदालत ने 22 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इससे पहले दो अगस्त को न्यायालय ने इस चर्चित मामले में 22 लोगों को दोषी करार दिया था और सजा की बिंदु पर सुनवाई की तिथि आठ अगस्त तय की थी। सुनवाई के बाद न्यायालय ने सभी दोषियों को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
बता दें कि लोहरदगा जिले के कैरो थाना क्षेत्र के चिपो ठेकाटोली में 17 अप्रैल 2106 को एक ही परिवार के तीन लोगों को जिंदा जला दिया गया था। अंधविश्वास व अफवाह के कारण तीनों को घर में बंद कर आग लगा दी गई थी। इससे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी। चिपो ठेकाटोली निवासी मृतक गोवर्धन भगत पर ग्रामीणों का आरोप था कि वो ओझा-गुणी करता था। इसके बाद 500 से ज्यादा की संख्या में ग्रामीणों ने गोवर्धन भगत सहित परिवार के चार सदस्यों को घर में बंद कर आग लगा दी थी।
इसकी जानकारी देर रात पुलिस को मिली थी। दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे एसपी कार्तिक एस आग में जल रहे परिवार के सदस्यों को बचाने के लिए आग में खुद कूद पड़े थे। एसपी की गाड़ी पर उग्र ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। इसके बावजूद तत्कालीन एसपी ने साहस का परिचय देते हुए आग से गोवर्धन भगत के पुत्र लालदेव भगत को बचा लिया था। आग इतनी तेज थी कि अग्निशमन विभाग के कर्मियों को आग पर काबू पाने में 24 घंटे लग गया था। घटना में एक ही परिवार के गोवर्धन उरांव (60), मादो भगताईन (55) व सुखमनिया भगताईन (30) की मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद चेरगा भगत के पुत्र राजेश भगत के बयान पर कैरो थाना पुलिस ने कांड संख्या 9ध्16 के तहत मामला दर्ज किया था। इस घटना में धनी उरांव के पुत्र बीरू उरांव सहित 24 अन्य और लगभग 500 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले में दो सेशन ट्रायल चला था। एसटी संख्या 101ध्16 में कुल 17 और एसटी संख्या 144ध्16 में कुल 5 लोगों के खिलाफ ट्रायल चला था। अदालत ने लगभग 3 साल तक ट्रायल के बाद दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 22 लोगों को मामले में दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष से प्रभारी लोक अभियोजक सतीश सिन्हा, अपर लोक अभियोजक मनोज झा व सहायक लोक अभियोजक सिद्धार्थ सिंह ने न्यायालय में दलीलें पेश की। मृतक गोवर्धन भगत पर ग्रामीणों को संदेह था कि वह बच्चा चोरी कर बलि देता है। डायन बिसाही का आरोप लगाते हुए इस घटना को अंजाम दिया गया था। न्यायालय ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद चिपो अग्निकांड में 22 आरोपितों को दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कांड में दोषी इन आरोपितों को आजीवन कारावास की हुई सजा
अदालत ने इस मामले में कुल 22 लोगों को दोषी करार देने के बाद गुरुवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसमें कैरो थाना क्षेत्र के गुड़ी गांव निवासी धनी उरांव के पुत्र बीरू उरांव, दशरा उरांव का पुत्र सोमनाथ उरांव, गोवर्धन साहू का पुत्र पारस साहू, मुंशी साहू का पुत्र देशीमुन्ना साहू, महादेव उरांव का पुत्र राम उरांव, धनेश्वर साहू का पुत्र दिवाकर साहू, बाघी निवासी सुलेमान खाखा का पुत्र माइकल खाखा, जीवन मिंज का पुत्र प्रवीण मिंज, बोनीफास मिंज का पुत्र जीवन मिंज, उदय साहू का पुत्र रामपूजन साहू, बिरसा उरांव का पुत्र धुरी उरांव, लोरेंस खाखा का पुत्र मुनित खाखा, फिलिप तिर्की का पुत्र इरकान तिर्की, एडवर्ड तिर्की का पुत्र नोवेल तिर्की, रूपस खाखा का पुत्र मिराज खाखा, चिपो निवासी दल्लु मुंडा का पुत्र एतवा पाहन, गुड़ी सिंभूटोली निवासी ओजीला कुजूर का पुत्र अमन कुजूर, चिपो बगीचा टोली निवासी गोवर्धन उरांव का पुत्र संदीप उरांव, सोहन यादव का पुत्र विजय यादव, मकू यादव का पुत्र झरी उर्फ झरिया यादव, महली उरांव का पुत्र मन्ना उरांव, चिपो डिपा टोली निवासी गुरमा उरांव का पुत्र राजू उर्फ राजकुमार उरांव शामिल हैं।

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