रांची. फार्मिंग और कड़कनाथ पालने के शौकीन महेंद्र सिंह धोनी के फार्म हाउस में कड़कनाथ चूज़ों की नई खेप पहुंच चुकी है. मध्यप्रदेश के झाबुआ से 2000 कड़कनाथ चूज़ों की खेप धौनी के सैंबो स्थित फार्म हाउस में रविवार की सुबह पहुंच गई. धोनी के फार्म हाउस के सूत्रों ने जानकारी दी कि एक साल पहले दिए गये आर्डर के अनुसार रविवार की सुबह 2000 कड़कनाथ चूजे फार्म हाउस में पहुंच गए हैं। इन सभी चीजों के रखने के लिए अलग से पोल्ट्री फॉर्म बनाया गया है. जहां कड़कनाथ चूजों के अनुसार माहौल तैयार किए गए हैं. यह सभी चूजें एक महीने से दो महीने की उम्र के बीच के हैं. मध्यप्रदेश के झाबुआ से इन चूजों को शुक्रवार को रवाना किया गया था.
दरअसल धौनी इससे पहले भी झाबुआ से मंगाकर कड़कनाथ चूजे पाल चुके हैं. लेकिन उस समय संख्या इतनी ज्यादा नहीं थी. दरअसल माही की सोच बड़े पैमाने पर कड़कनाथ पालकर उसे व्यवसायिक रूप से डेवलप करने की है. बकायदा इसको लेकर फार्म हाउस में एक बड़ा पोल्ट्री फॉर्म बनाया गया है.
झाबुआ से कड़कनाथ चूजों की खेप पहले ही भेज दी जाती. लेकिन इसी बीच बर्ड फ्लू फैलने के साथ-साथ कोरोना का संक्रमण भी ज्यादा बढ़ चुका था. लिहाजा ऑर्डर को भेजने में देर हो गई. रांची के बाजार में कड़कनाथ ₹800 से ₹1200 के बीच बेचे जाते हैं. धोनी के आउटलेट में भी कड़कनाथ पिछली बार ₹1000 किलो बिका था. बताया जाता है कि बिल्कुल काले रंग का दिखने वाला कड़कनाथ मांस के लिहाज से बेहतरीन माना जाता है. इस के मांस में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बहुत कम होती है जबकि प्रोटीन की मात्रा 22 से 30% के बीच होती है.
दो हिस्सों में बंटा है धोनी का फार्महाउस
बता दें, महेंद्र सिंह धोनी का फार्म हाउस दो हिस्सों में बांटा है. एक हिस्से में पूरी तरीके से फार्मिंग की जाती है जहां सब्जियों की खेती के साथ-साथ मौसमी धान और गेहूं भी लगाए जाते हैं तो है. वहीं दूसरी ओर गौशाला भी है, जहां उन्नत नस्ल की कई गांवों को पाला गया है. इन गायों के दूध की रांची के बाजारों में बेहद डिमांड है.