रांची: झारखंड के विभिन्न विद्यालयों में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बनाने वाली लाखों रसोइया और संयोजिका एक बार फिर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की मूड में दिख रही हैं. झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोइया संयोजिका संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत प्रजापति ने बताया कि राज्य में काम करने वाले करीब 2 लाख 47 हजार रसोइया कर्मचारी आगामी 3 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में जुटेंगे.
क्या हैं मांगें
आंदोलन के जरिये वे सभी मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि सभी रसोइया को 18 हजार रुपए प्रतिमा न्यूनतम वेतन दिया जाए. पिछले 19 साल से सेवा दे रहे रसोइया और संयोजिका का 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा कराया जाए. सभी कर्मचारियों को पेंशन स्कीम से जोड़ा जाए, रसोइया और संयोजिका को पीएफ का लाभ दिया जाए. बताया गया कि वर्तमान में रसोइया को मात्र 66.66 रुपये प्रतिदिन वेतन के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है. जबकि संयोजिका और अध्यक्ष को बिना वेतन का ही काम करना पड़ रहा है.
मानदेय का भुगतान भी प्रतिमाह नहीं होता
बताया गया कि पिछले 19 वर्ष से राज्य के विभिन्न स्कूलों में बच्चों को भोजन बनाने का काम कर रही हैं. लेकिन उनके घरों में कैसे भोजन बन रहा है यह उन्हें ही पता है. सरकारी स्कूलों में बच्चों का खाना बनाने वाली रसोइया को 66 रुपये प्रतिदिन दिए जाते हैं. इस प्रकार से उन्हें महीने में 1900 रुपये का भुगतान किया जाता है लेकिन वो राशि भी उन्हें प्रतिमाह नहीं मिल पाता.