Joharlive Team
रांची: कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत के बाद जमीन के लिए कई घंटों तक भटक पड़ा। सुबह से रात तक उन्हें सुपुर्द के खाक करने के लिए प्रसाशन ने अपने स्तर से काफी प्रयास किया। लेकिन, हर जगह विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस ने 18 घंटे के बाद बुजुर्ग व्यक्ति के शव को सुपुर्द के खाक किया गया। हिंदपीढ़ी बच्चा कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक हुआ।मिट्टी देने वालों में मृतक के चार परिजन शामिल हुए। सभी को पीपीई किट पहनाकर शव के साथ मिट्टी देने ले जाया गया। शव को पूरी तरह से पैक रखा गया था। वहीं गाइडलाइन के अनुसार शव को करीब 20 फीट की गहराई वाले कब्र में डाला गया। इससे पहले कब्र को सेनेटाइज किया गया, शव को कब्र में डालने के बाद भी सेनेटाइज कर जेसीबी से मिट्टी डालकर ढक दिया गया। मिट्टी देने में शामिल चार परिजनों को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है।
दिन भर पुलिस को सामना करना पड़ा विरोध का
रविवार की सुबह करीब आठ बजे कोरोना संक्रमित बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हुई थी। जहाँ देर रात करीब 1:15 बजे हिंदपीढ़ी के बच्चा कब्रिस्तान में शव को सुपुर्द ए खाक किया गया। इससे पहले शव पूरे दिन रिम्स परिसर के एंबुलेंस में पड़ा रहा। सुबह से ही शव को दफनाए जाने की प्रक्रिया चलती रही। वहीं, प्रशासन कब्र में दफनाने की बात कर रही थी, लेकिन विरोध के कारण शव को दफनाने का काम टलता रहा। आखिरकार शव को चौथे कब्र में दो गज जमीन नसीब हुई। मृतक के लिए सबसे पहले बरियातू स्थित कब्रिस्तान में कब्र खोदी गई। वहां कब्रिस्तान को छोटा बताकर रातू रोड कब्रिस्तान में दफनाने का फैसला किया गया। वहां से जब रातू रोड के लिए चले तो कुछ स्थानीय लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। वहीं, पूरे दिन अलग-अलग कब्रिस्तान के आसपास हंगामे और विरोध होते रहे। जिसके बाद देर रात बच्चा कब्रिस्तान में मृतक को सुपुर्द ए खाक किया गया है। यह हिंदपीढ़ी में है. मृतक वहीं का रहने वाले था। प्रशासन ने इस कब्रिस्तान का चुनाव आखिरी विकल्प के रूप में किया क्योंकि हिंदपीढ़ी के लोग आगे आए और शव को दफनाने पर सहमति दी।
डोरंडा में भी स्थानीय लोगों ने किया विरोध
रातू रोड के बाद पुलिस प्रशासन मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवियों और गणमान्य लोगों से लगातार बातचीत करने के बाद डोरंडा कब्रिस्तान में शव को दफन करने की योजना बनाई। वहां भी कब्र खोदी जा चुकी थी। देर शाम स्थानीय लोगों ने विरोध करने के कारण पुलिस प्रशासन के लिए असमंजस की स्थिति बन गई। इसके बाद प्रशासन बुंडू के तैमारा घाटी में दफन करने की योजना बना रही थी।इस बीच हिंदपीढ़ी के लोग आगे आए और बच्चा कब्रिस्तान में दफन करने की बात कही। जिसके बाद अमन युथ सोसाइटी के जिम्मेवार मोहम्मद असलम सहित कई लोगों ने पुलिस से संपर्क किया। जिसके बाद हिंदपीढ़ी के बच्चा कब्रिस्तान में शव दफनाने की बात पर सहमति दी। वहां लोगों ने खुद कब्र खुदवाया जिसके बाद देर रात शव को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। इस दौरान एसएसपी अनीश गुप्ता, ट्रैफिक एसपी अजित पीटर डुंगडुंग, कोतवाली डीएसपी अजित कुमार विमल सहित कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।