Dhanbad : जियोमैक्स माइन्स एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जो कि अब बंद पड़ी है उसके 150 मजदूरों का लगभग 40 लाख रुपये का बकाया लॉकडाउन के बाद से अटका हुआ है. इस बकाया राशि के खिलाफ रविवार को मजदूरों ने मशाल जुलूस निकाला. यह जुलूस एलआईसी ऑफिस कतरास से शुरू होकर कलाली फाटक, राजगंज रोड कतरास होते हुए जियो मैक्स कंपनी की फैक्ट्री गेट तक पहुंचा. मजदूरों ने कंपनी प्रबंधन से जल्द बकाया राशि का भुगतान करने की मांग की.
मजदूर नेता दीप नारायण ने कहा कि…
मशाल जुलूस के बाद एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें मजदूर नेता दीप नारायण सिंह ने उपस्थित मजदूरों और लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2019 से लेकर 21 मार्च 2020 तक कंपनी के प्रबंधन ने मजदूरों का लगभग 40 लाख रुपये का बकाया मजदूरी नहीं दी है. उन्होंने बताया कि कंपनी की फैक्ट्री में लगभग 150 मजदूर कार्यरत थे, लेकिन आर्थिक मंदी का हवाला देकर प्रबंधन ने मजदूरी का भुगतान नहीं किया.
लॉकडाउन के बाद फैक्ट्री बंद
दीप नारायण सिंह ने कहा कि कोविड-19 के कारण 22 मार्च 2020 से फैक्ट्री को बंद कर दिया गया और इसके बाद से कभी भी फैक्ट्री को नहीं खोला गया. लॉकडाउन के बाद मजदूरों ने बकाया राशि की मांग की, लेकिन इसका भुगतान नहीं हुआ. इस दौरान यह जानकारी मिली कि कंपनी ने पंजाब नेशनल बैंक सहित अन्य बैंकों से 15 करोड़ 75 लाख रुपये का लोन लिया था, जो ब्याज सहित बढ़कर 27 करोड़ रुपये हो गया था.
फैक्ट्री की नीलामी
दीप नारायण सिंह ने बताया कि बैंक ने 15 अक्टूबर 2020 को कंपनी की फैक्ट्री पर सांकेतिक कब्जा किया था और 25 मार्च 2022 को भौतिक रूप से कब्जा कर लिया. हाल ही में पता चला कि बैंक ने फैक्ट्री की नीलामी कर दी है, जिसमें सबसे ऊंची बोली लगाने वाले “दी रिपब्लिक प्राइवेट लिमिटेड” बुधीया ग्रुप रांची ने फैक्ट्री के संपत्ति का अधिग्रहण किया है.
उन्होंने कहा कि अगर बुधीया ग्रुप ने फैक्ट्री के संपत्ति को नीलामी के तहत खरीदा है, तो उन्हें कंपनी की सभी लायबिलिटी भी उठानी होगी, जिसमें मजदूरों का बकाया भुगतान भी शामिल है. दीप नारायण सिंह ने चेतावनी दी कि अगर मजदूरों का बकाया भुगतान नहीं किया गया, तो वे फैक्ट्री को चालू नहीं होने देंगे.
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