आंकड़े कहते हैं कि झारखंड में ईडी की कार्रवाई लगातार बढ़ रही है. इसमें राज्य के मुख्यमंत्री सहित वित्त मंत्री, कई अधिकारी, विधायक व नेता घेरे में आ चुके हैं. 2024 में भी यह कार्रवाई जारी रहने की आशंका है.

विवेक आर्यन

रांची: राज्य में ईडी की कार्रवाई इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां तक कि ईडी की समन के बाद राज्य में मुख्यमंत्री बदलने तक की चर्चाएं जोर पकड़ चुकी हैं. नए साल की शुरुआत भी ईडी की कार्रवाई की साथ हुई थी, जब 3 जनवरी को ईडी ने मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू के घर पर रेड किया था. बाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ईडी ने 8वीं बार समन भेजकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा.

पिछले सालों में हुई ईडी का कार्रवाई पर गौर करें, तो हम पाते हैं कि 2022 से 2023 के बीच ईडी की कार्रवाई में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. हालांकि ईडी के वेबसाइट या अन्य पोर्टलों पर इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि उन्होंने एक साल में कितने रेड किए हैं. लेकिन आउटलुक की एक रिपोर्ट के अनुसार 6 मई 2022 से 5 मई 2023 के बीच ईडी ने सिर्फ झारखंड में 101 रेड किए हैं. जिसमें राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे सहित सीएम के प्रेस सलाहकार, कई अधिकारी व व्यापारी शामिल हैं.

157 करोड़ की संपत्ति सीज, 15 से अधिक लोग जेल में

ईडी की इन 101 रेड में कुल 157 करोड़ की संपत्ति सीज की है, जिनमें से कैश भी शामिल है. इन कार्रवाई में कम से कम 15 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. मुख्मंत्री सहित 36 ऐसे लोगों से पूछताछ हुई है, जो राज्य में बेहद प्रभावशाली हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले 10 सालों में ईडी ने झारखंड में 1900 करोड़ रुपये जब्त किए हैं.

2024 में और भी बढ़ सकती है ईडी की दबिश

2024 चुनाव का साल है. आम चुनाव के बाद साल के अंत में झारखंड विधानसभा चुनाव भी होना है. पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि इस दौरान ईडी की कार्रवाई और तेज हो सकती है. इसका उदाहरण है कि साल शुरु होते ही ईडी अत्यधिक सक्रिय मोड में आ चुकी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी तक की नौबत आ गई है.

ईडी पर लग रहा राजनीतिक दबाव का आरोप

राज्य सरकार में सत्ताधारी पार्टियों के नेता-कार्यकर्ता लगातार ईडी पर पक्षपात का आरोप मढते रहे हैं. उनका कहना है कि ईडी की कार्रवाई केवल उन्हीं राज्यों में होती है, जहां गैर-भाजपा सरकार है. आरोप है कि ईडी औऱ सीबीआई केंद्र सरकार के प्रभाव में ये कार्रवाई कर रही हैं. हालांकि भाजपा के लोग इस बात का खंडन करते हुए ईडी की स्वायत्तता की बात करते हैं.

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