सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा(ईओडब्लू) ने 100 करोड़ के लोन में फर्जीवाड़े में आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईओडब्लू विंग ने बैंक फर्जीवाड़े के आरोपी व्यवसायी अमित सरावगी, उनकी पत्नी श्वाति सरावगी, चार्टर्ड एकाउंटेंट अनीश अग्रवाल, श्री राम कॉम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अभिषेक अग्रवाल के पासपोर्ट व उसके संबंधित अन्य जानकारी भारत सरकार के गृह मंत्रालय और प्रवर्तन मंत्रालय को भेजा है, ताकि आरोपी विदेश न भाग सकें। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, बैंक लोन के फर्जीवाड़े में नीरव मोदी समेत अन्य उद्योगपतियों के विदेश भागने के बाद एजेंसियों की यह कोशिश होती है कि किसी तरह आरोपियों को विदेश न जाने दिया जाए। रांची में बैंक घोटाले के आरोपी विदेश न जाएं, इसके लिए गृह मंत्रालय व प्रवर्तन मंत्रालय को पत्र भेजा गया है।
बैंक अफसरों की भी मिलीभगत की होगी जांच
बैंक ऑफ इंडिया के अफसरों की भूमिका पर भी सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, पूरे मामले में बैंक अधिकारियों की भी भूमिका हो सकती है। साल 2014- 18 के बीच व्यवसायियों ने शेल कंपनियों में पैसे का ट्रांसफर व नौ बैंको से लोन लेकर 100 करोड़ का चूना बैंकों को लगाया है। हालांकि सीबीआई ने महज 10.37 करोड़ के फर्जीवाड़े का मामला ही ईओडब्लू विंग में दर्ज किया था। गुरुवार को सीबीआई ने छापेमारी के दौरान अमित अग्रवाल की कंपनी सनबीम डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर से 35 बैंक खाते बरामद किए थे। सीबीआई ने गुरुवार को भी बैंक खातों की स्कूटनी की। सीबीआई जांच कर रही है कि इन खातों का पैसा किन किन खातों में ट्रांसफर हुआ है।
कैसे हुआ करोड़ों का बैंक फर्जीवाड़ा
अमित सरावगी, श्वाति सरावगी के फर्म मेसर्स सनबीम डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड, श्री राम कॉम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड व कोलकाता की कंपनी सरावगी बिल्डर्स व प्रेम मोटर्स के खिलाफ अपराधिक षडयंत्र में शामिल होकर बैंक से फर्जीवाड़ा करने की शिकायत मिली थी। मेसर्स सनबीम डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते पर कपड़ा व्यवसाय के लिए 2.50 करोड़ का लोन दिया गया था। लोन व व्याज नहीं चुकाने पर यह राशि बढ़कर 10 करोड़ से अधिक हो गई थी।जांच में यह बात सामने आयी है कि लोन की राशि को बाद में कोलकाता की सरावगी बिल्डर्स समेत अन्य शेल कंपनियों के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था। लोन राशि का दुरूपयोग भी किया गया। 31 मार्च 2018 को लोन खाता एनपीए हो गया, जिससे बैंक को 10.37 करोड़ का नुकसान हुआ।सनबीम डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड के खाते से करोड़ों के फंड का ट्रांसफर कोलकाता की कई शेल कंपनियों के खाते में किया गया। इस शेल कंपनियों का पता कोलकाता का श्यामपुर स्ट्रीट, 6, एच, 10 दर्ज था। सीबीआई की टीम ने इस पते की पड़ताल की तो पता चला कि यहां कोई कंपनी नहीं है। शेल कंपनियों के नाम पर फर्जी बिल भी बनाए गए थे, जांच में यह बात भी आयी है कि शेल कंपनियों में से कोई कपड़ा व्यवसाय से नहीं जुड़ा था। छापेमारी के दौरान तीन बैंकों के नौ खातों की जानकारी मिली जहां से पूरे रैकेट के द्वारा 100 करोड़ के लोन एनपीए की जानकारी मिली।
10 करोड़ का फर्जीवाड़ा तलाशने गयी थी सीबीआई, 100 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुला