गिरिडीह। दहेज हत्या के आरोप में गिरिडीह कोर्ट के द्वितीय अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीश आनंद प्रकाश के कोर्ट ने आरोपी बाप-बेटे केदार महतो और दीपक वर्मा को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी है। दहेज हत्या की धारा 304 बी में दोनों आरोपी बाप-बेटे को कोर्ट ने सजा सुनाया। दोनों आरोपी बाप-बेटे पिछले तीन सालों से न्यायिक हिरासत में सेन्ट्रल जेल में बंद थे। मामले में बचाव पक्ष के वकील दुर्गा पांडेय और लोक अभियोजक गौरखनाथ सिंह ने कोर्ट में बहस किया. पुलिस के फाईनल चार्जशीट के आधार पर एक सप्ताह पहले दोनों आरोपी बाप-बेटे को सेकेंड एडीजे के कोर्ट ने दोषी माना था।
जानकारी के अनुसार दहेज हत्या का यह मामला देवरी के भलुआही गांव से जुड़ा हुआ है. जहां साल 2017 को जमुआ थाना इलाके के हाड़ोडीह गांव निवासी अशोक महतो की बेटी रुपा की शादी देवरी के इसी भलुआही गांव में हुआ था। लेकिन शादी के कुछ सालों बाद दो बच्चों की मां बनने के बाद भी रुपा से उसके पति दीपक वर्मा और ससुर केदार महतो समेत सास माला देवी द्वारा एक बाईक और दो लाख नगद रुपयों की मांग होता रहा जबकि मृतिका रुपा कुमारी के पिता ने अशोक ने 50 हजार नगद दिया भी। लेकिन अतिरिक्त नगद के साथ एक बाईक के डिमांड का विरोध करने पर मृतका के साथ मारपीट तक किया जाता था।
विरोध और मारपीट के दौरान ही मृतिका के पिता अशो महतो को साल 2021 में अगस्त में जानकारी मिली कि उनकी बेटी की हालत खराब है, जब इसी सूचना पर पिता अपने बेटी को देखने उसके ससुराल पहुंचे, तो बेटी का शव भलुआही गांव के अयोध्या वर्मा के कुंए में तैरता हुआ मिला. इसके बाद पिता अशोक महतो ने देवरी थाना में दामाद दीपक वर्मा, समधी केदार महतो और सास माला देवी के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज कराएं. लेकिन पुलिस अनुसंधान में सास माला देवी को बेकसूर बता दिया गया, जबकि पति और ससुर को कसूरवार माना गया. लिहाजा, पुलिस के फाईनल चार्जशीट पर सेंकेड एडीजे की कोर्ट ने बाप-बेटे को सजा सुनायी।