झारखंड पुलिस का चेहरा बदल रहा। अनुसंधान के वैज्ञानिक तौर तरीकों से जहां अपराधियों को सजा दिलाने की कवायद हो रही, वहीं संवेदनशील होकर पुलिस आमलोगों का दिल जीतने की कवायद में लगी है। झारखंड जगुआर नक्सलियों के लिए कहर बन कर बरप रहा। बेहतर तकनीक, सुझबुझ, अनुसंधान के तौर तरीकों पर पुलिस खूद अपनी कसौटी पर कितनी खरी उतर रही इसके लिए 15वीं झारखंड राज्य पुलिस ड्यूटी मीट का आगाज मंगलवार को किया गया। पुलिस ड्यूटी मीट के दौरान राज्य भर की सात टीमों में शामिल 80 पुलिसकर्मियों के बीच मुकाबला होगा। प्रतियोगिता का उदघाटन राज्यपाल द्रोपदी मूर्मू ने किया।
नए तकनीक अपनाएं तब मिलेगी अपराधियों को सजा
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पुलिस के सामने विधि व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है। पुलिस जनता से बेहतर समन्वय स्थापित कर ही अपराध पर अकुंश लगा सकती है। साथ ही नये-नये तकनीक को अपनाकर पुलिसकर्मी शीघ्र ही कांडो का खुलासा कर सकते है। आज के युग में साइबर क्राइम जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है। ऐसे में नयी तकनीक का इस्तेमाल करना बेहद जरुरी है। पुलिस प्रशासन को ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। पुलिस को हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए। पुलिसकर्मी जनता से हमेशा अच्छा व्यवहार करे। जिससे जनता में उनकी छवि बनी रहे और जनता का विश्वास पुलिस पर बना रहे। साथ ही दोषियों को शीघ्र न्याय दिलाना भी पुलिस का काम है। शीघ्र न्याय मिलने पर जनता खुश होती है। जिस कांड में जनता को शीघ्र न्याय नहीं मिलता उस कांड में जनता पुलिस के प्रति अविश्वास की भावना जागृत होती है। पुलिस ऐसा काम करे जिससे जनता का विश्वास हमेशा बना रहे। उन्होंने कहा कि पुलिस को साइबर क्राइम के मामलों में बेहतर अनुसंधान करने की जरुरत है। अपराधियों को अपराध करते ही अविलंब गिरफ्तार करना चाहिए। इससे अपराधियों में भय का माहौल होगा। उन्होंने कहा कि गरीब हो या अमीर सभी के साथ पुलिस एक जैसा व्यवहार करे। पुलिस जनता का विश्वास ना तोड़े। राज्यपाल ने कहा कि इस ड्यूटी मीट से पुलिसकर्मियों के अनुसंधान में सहूलियत होगी। इस तरह के आयोजन बेहद ही जरुरी है। इसके लिए उन्होंने सीआईडी को धन्यवाद भी दिया।

राज्य में अपराधियों को सजा मिलने का औसत अधिक
डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि राज्य की सुरक्षा के लिए अपराधियों का जेल में बंद रहना बेहद जरुरी है। बेहतर अनुसंधान से ही दोषियों को सजा दिलायी जा सकती है। देश में अपराधियों को सजा दिलाने का औसत 24.5 फीसदी है, जबकि झारखंड में सजा दिलाने का औसत 27 फीसदी है। इसके लिए झारखंड पुलिस लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आईटी, साइबर क्राइम, अपराध नियंत्रण , महिलाओं की सुरक्षा सहित अन्य विषयों पर भी दिन-रात पुलिस अधिकारी काम कर रहे है। आने वाले समय में हमारे अनुसंधानक को कोई भी अपराधी का प्रोफाइल जानने के लिए छापेमारी करने और उसे खोजने की जरुरत नहीं पड़ेगी। बल्कि एक बटन दबाते ही अपराधी का पूरा प्रोफाइल सामने होगा। कोई अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो वह पुलिस ने नहीं बच पायेगा। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक की जानकारी ट्रैफिक पुलिस लगातार लोगों के बीच जाकर दे रही है। महिलाओं की सुरक्षा भी झारखंड पुलिस की प्राथमिकता है। छह हजार की हुई पुलिस बहाली में 33 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया गया है। राज्य में 44 महिला थाना की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि रिफार्म , परफार्म और सोसाईटी को ट्रांसफॉर्म करना है।
विजेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगा मौकेा
सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रतियोगिता 12 से 15 सितम्बर तक चलेगा।प्रतियोगिता के दौरान विजेता पुलिसकर्मियों को राष्ट्रीय पुलिस ड्यूटी मीट में शामिल होने का मौका मिलेगा। एडीजी ने बताया कि पिछली बार कर्नाटक में पुलिस ड्यूटी मीट के दौरान झारखंड ने बेहतर परफार्म किया था। झारखंड के दिलीप महतो ने पोट्रेट और अविनाश कुमार ने फोटोग्राफी में गोल्ड मेडल जीता था। मीट के दौरान बेहतर अनुसंधानक को बीबी सहाय ट्राफी दी जाएगी। मौके पर सीआईडी आईजी संपत मीणा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में एडीजी रेजी डुंगडुंग, प्रशांत सिंह, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, एसपी नरेन्द्र सिंह, कुसुम पुनिया, सुनील भाष्कर सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
चंद मिनट में 10 नक्सलियों को मार गिराया
नक्सलियों के खिलाफ झारखंड जगुआर ने खुद को खास अंदाज में तैयार किया है। कार्यक्रम के दौरान जगुआर की टीम ने एंट्री नक्सल अभियान का डेमो किया। डेमो में यह दिखाया गया कि सुरक्षाबल अभियान में निकले हैं। इसी दौरान नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को उड़ाने के लिए केनबम लगा रखा है। सुरक्षाबल नक्सल खतरें को भांपते हुए आगे बढ़ते हैं। बम डिटेक्शन मूवमेंट से नक्सलियों के द्वारा बम प्लांट किए जाने की जानकारी मिलती है। इसके बाद जगुआर का बम निरोधक दस्ता अपनी कार्यक्षमता का बखूबी इस्तेमाल कर बमों को निकालता है। बम निकाले जाने के बाद नक्सली घेराबंदी करते हैं। लेकिन सुरक्षाबलों की टीम अपनी रणनीति और सूझबूझ से 10 नक्सलियों को मार गिराती है।

सात टीमें कौन कौन
– दक्षिणी छोटानागपुर, रांची
– कोयला क्षेत्र, बोकारो
– कोल्हान क्षेत्र, चाइबासा
– पलामू क्षेत्र, डालटेनगंज
– उत्तरी छोटानागपुर, हजारीबाग
– संथाल परगना क्षेत्र, दुमका
– सीआइडी, रांची

पुलिसकर्मियों के बीच दस विषयों की परीक्षा
– विधि विज्ञान
– लिफ्टिंग, पैकिंग एंवे प्रदर्शों का अग्रसारण
– मेडिको लीगल परीक्षा
– फोटोग्राफी
– क्राइम इंवेस्टिगेशन रूल्स एंड कोर्ट जजमेंट
-अगुलांक विकास एवं मौखिक परीक्षा
– पुलिस पोट्रेट
– पुलिस ऑबजर्वेशन
– कंप्यूटर साक्षरता
– श्वान दस्ता

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