राज्य पुलिस हाईटेक व वैज्ञानिक तौर तरीकों का इस्तेमाल कर गुनहगारों को सजा की दहलीज पर पहुंचाएगी। इसके लिए सीआईडी के अधीन साइबर फोरेंसिक लैब बनाया जाएगा। अत्याधुनिक साइबर फोरेंसिक लैब का निर्माण मुंबई की साइबर फोरेंसिक लैब की तर्ज पर किया जा रहा। राज्य पुलिस के अधिकारियों की टीम ने मुंबई में एक हफ्ते तब साइबर फोरेंसिक लैब का रिसर्च व उसकी कार्यप्रणाली की जानकारी ली। मुंबई से लौटने के बाद वहां की साइबर फोरेंसिक लैब के तर्ज पर साइबर फोरेंसिक लैब के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आईटीएस बिल्डिंग में साइबर फोरेंसिक लैब का निर्माण किया जा रहा। जिसपर राज्य सरकार 1.60 करोड़ खर्च करेगी।
मुंबई की तर्ज पर क्या क्या होगा
– मोबाइल फोन फोरेंसिक मशीन लैब में होगा, जिसके जरिए किसी भी मोबाइल से डिलीट किए गए डाटा, तस्वीर, चैट व तमाम चीजों को दुबारा इंस्टाल किया जा सकेगा। अपराध के बाद यदि मोबाइल से सबूत मिटाए जाते हैं तो इसे मोबाइल फोन फारेंसिक के जरिए दुबारा इंस्टाल किया जा सकता है।
– डिस्क फोरेंसिक उपकरण के जरिए किसी कंप्यूटर या लैपटॉप के डिस्क से डिलीट किए गए डाटा को इंस्टॉल किया जा सकेगा।
– ट्रू इमेजर मशीन की खरीद भी होगी। इस मशीन के जरिए किसी भी घटनास्थल से जब्त डिस्क, मोबाइल या दूसरे उपकरण की ट्रू इमेज व सारी जानकारी ली जाएगी। डिस्क या मोबाइल से मिला डाटा हूबहू इसके जरिए स्टोर किया जा सकेगा, ताकि जांच प्रभावित न हो।
– हाई एंड फोरेंसिक सर्वर तकरीबन 128 आरएएम का कंप्यूटर होगा, जिसपर लैब की गतिविधियां ऑपरेट होंगी।
– राइट ब्लॉक टूल किट किसी मोबाइल डाटा या डिस्क में छेड़छाड़ को रोकेगा। किसी आपराधिक मामले की जांच में कई बार जांच अधिकारी डाटा में फेरबदल कर आरोपी को बचा सकते हैं, राइट ब्लॉक टूल किट के इस्तेमाल से जब्त डाटा में फेरबदल मुमकिन नहीं हो पाएगी।
– साइबर फारेंसिक लैब में सोशल मीडिया इंटेलीजेंस गैदरिंग साफ्टवेयर भी होगा। इस साफ्टवेयर के जरिए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार या प्रोपोगेंडा फैलाने वालों को अधिक से अधिक संख्या में चिन्हित किया जा सकेगा।
– डीवीआर एनलाइजर के जरिए धुंधली तस्वीर या गाड़ियों के नंबर प्लेट को साफ कर चिन्हित किया जाएगा। किसी भी पासवर्ड को तोड़ने के लिए पासवर्ड क्रैकिंग टूल की भी खरीद की जाएगी।
क्या होगा संरचना
साइबर फोरेंसिक लैब संचालन के लिए फोरेंसिक कंसल्टेंट की बहाली होगी। एक चीफ टेक्निकल अफसर, एक टेक्निकल अफसर की भी बहाली होगी। राज्य भर से साइबर फोरेंसिक लैब में काम करने के लिए 385 सिपाहियों का चयन किया गया है। ये सिपाही टेक्निकल बैकग्राउंड के हैं। अधिकारियों के मुताबिक, रोटेशन के तहत इन पुलिसकर्मियों को साइबर फोरेंसिक लैब में ड्यूटी पर लगाया जाएगा।

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