झारखंड के डीजीपी कमलनयन चौबे ने 8 जून को राज्य पुलिस मुख्यालय में पदभार संभाला। पदभार संभालने के बाद 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी कमलनयन चौबे ने राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। कामकाज संभालने के बाद डीजीपी ने कड़े तेवर दिखाते हुए अफसरों को चेताया। कहा, राज्य पुलिस को अधिक संवेदनशील बनाया जाएगा, ताकि आमलोग पुलिस से जुड़ें। असंवेदनशील थानेदार से लेकर एसपी तक को हटाया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि सभी जिलों के एसपी के साथ अपराधी, नक्सल, लंबित कांडों की लिस्ट बना समीक्षा की जाएगी। थानेदार से लेकर एसपी तक के अफसरों के कामकाज का आकलन होगा।
मैं सपनों का सौदागर नहीं
कमलनयन चौबे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह सपनों के सौदागर नहीं है। ऐसे में वह नक्सलवाद या अपराध को खत्म करने की डेडलाइन नहीं दे सकते, लेकिन सार्थक तौर पर जितना बेहतर काम होगा, किया जाएगा। राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे शांतिपूर्ण तरीके से कराना पुलिस का लक्ष्य होगा। डीजीपी ने कहा कि अपराध नियंत्रण और विधि व्यवस्था को लेकर काम में तेजी लायी जाएगी।
किस मुद्ददे पर डीजीपी ने क्या कहा
नक्सलवाद- नक्सलवाद का खात्मा प्राथमिकता में होगा। नक्सली संविधान के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। नक्सल समस्या आमलोगों को प्रभावित करती है, ऐसे में नक्सलियों व दूसरे समूहों के खिलाफ अभियान जारी रहेगी। नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की भी कोशिश की जाएगी। सरेंडर करने वालों की अच्छे से जांच करायी जाएगी ताकि कोई गलत सरेंडर न हों।
साइबर अपराध- साइबर अपराध रोकने के लिए जरूरत पड़ने पर सीबीआई या दूसरे एजेंसियों की तरह एक्सपर्ट की मदद की जाएगी। दूसरे राज्यों के पुलिस पदाधिकारियों की भी मदद ली जाएगी।
कोयल चोरी- कोल कंपनियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। कोल कंपनियों को पहले यह भी बताना होगा कि उनके यहां लगी सुरक्षा में लगी एजेंसियों ने क्या किया, पुलिस भरसक मदद करेगी, लेकिन कंपनियों को यह भी बताना होगा कि उन्होंने पुलिस बलों का कैसे इस्तेमाल किया। सभी की जवाबदेही तय की जाएगी।
थानों की कार्यशैली- थानों को मजबूत बनाएंगे। थाना में शिकायत करने वाले के भय न हो। जो शिकायतें आएंगी उसमें तत्काल एफआईआर दर्ज होगी। पुलिसकर्मियों को संवेदनशील होना होगा

खेमेबाजी नहीं चलेगी
डीजीपी कमल नयन चौबे ने शनिवार को राज्य पुलिस मुख्यालय में आला अधिकारियों के साथ बैठक की। पदभार संभालने के बाद पुलिस अधिकारियों के साथ पहली बैठक में डीजीपी ने साफ तौर पर कहा कि झारखंड पुलिस अब भारत सरकार की कार्यसंस्कृति पर काम करेगी। किसी भी मामले में निर्णय होने पर हल्की बात नहीं होनी चाहिए। नेतृत्व के द्वारा तय फैसला ही अंतिम फैसला होगा। फैसले को कैसे लागू करना है, बस इस पर बात होगी।
खेमेबाजी व नाराज चले रहे अफसरों को नसीहत
झारखंड पुलिस में आंतरिक गुटबाजी और कुछ आला अफसरों के नाराज होने के मामले में भी डीजीपी ने अपनी बातें रखी। डीजीपी ने कहा कि उनके यहां आने के बाद दो वरीय अफसरों ने शिकायत की थी कि थानेदार उनकी नहीं सुनते। उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस में अब सारे फैसले सामूहिक नेतृत्व तय करेगा। सामूहिक नेतत्व के निर्णयों को पालन कराया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि झारखंड पुलिस में पारदर्शिता लायी जाएगी, ताकि पूरा पुलिस एक परिवार की तरह काम करें। डीजीपी ने कहा कि किसी भी वजह से जो अफसर नाराज रहे हैं, उनकी गिनती अच्छे अफसरों में होती है। व्यवस्था की खामियों को दूर किया जाएगा।
बैठक में डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू, एडीजी रेजी डुंगडुग, अजय कुमार सिंह, अनिल पाल्टा, अनुराग गुप्ता, प्रशांत सिंह, आरके मल्लिक, मुरारीलाल मीणा, आईजी सुमन गुप्ता, प्रिया दूबे, अरूण कुमार सिंह, शंभू ठाकुर, रंजीत प्रसाद, सुधीर झा, रांची डीआईजी अमोल वी होमकर, साकेत कुमार सिंह, मदन मोहन लाल, देवेंद्र ठाकुर,एसएसपी अनीश गुप्ता, एसपी स्पेशल ब्रांच धनंजय कुमार सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

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