15 जुलाई 2017 । गुड़िया रांची के रिम्स में किडनी स्टोन का इलाज कराने आयी थी। रिम्स में युरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने गुड़िया की बायीं किडनी के बजाए दायीं किडनी का ऑपरेशन कर दिया। मामला दबाने के लिए डॉक्टर ने एक निजी नर्सिंग होम में गुड़िया को भर्ती करा दिया। दो साल बाद नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (एनएचआरसी ) के आदेश पर गलत इलाज करने वाले डॉक्टरों अरशद जमाल और डॉ अशरफ के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

रिम्स का बचाव का तरीका नहीं आया काम

एनएचआरसी ने इस मामले में रिम्स का पक्ष भी मांगा था। रिम्स ने एनएचआरसी को दिए पत्र में बताया था कि दोनों आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई थी। दोनो के खिलाफ प्रोसिडिंग चलाये जाने की जानकारी भी रिम्स ने दी थी। लेकिन एनएचआरसी ने रिम्स प्रबंधन के तर्कों को उचित नहीं माना। एनएचआरसी ने साफ तौर पर आदेश दिया कि मामले की जांच सीआईडी के किसी गजटेड रैंक के अफसर से कराई जाए। जिसके बाद सीआईडी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर डीएसपी रैंक के अधिकारी विनोद कुमार रवानी को जांच का जिम्मा दिया। गुरुवार 6 जून को सीआईडी टीम ने रिम्स से गुड़िया के इलाज से जुड़े कागजात लिए हैं। मेडिकल रिकार्ड रूम से कुछ और कागजात के लिए उन्होंने रिम्स अधीक्षक को आवेदन भी दिया है। इस मामले में मरीज व उनके परिजनों के साथ साथ जल्द ही एचओडी डॉ अरशद जमाल एवं डॉ अशरफ से भी पूछताछ की जाएगी।

क्या है मामला 
दो वर्ष पूर्व 15 जुलाई को रिम्स के यूरोलॉजी विभाग में बोड़ेया निवासी प्रदीप कुमार सिन्हा की पत्नी गुड़िया की बायीं किडनी की बजाए दाहिनी किडनी का ऑपरेशन कर दिया गया था।  दो दिन बाद दाईं तरफ चीरा देखकर सोमवार  को परिजनों ने डॉक्टरों से इसकी शिकायत की तो रिम्स में ही उसे दुरूस्त करने की बजाए डॉ जमाल मरीज को लेक व्यू नर्सिंग होम ले गए। उसके बाद भी जब मामला नहीं दबा तो मरीज को डिस्चार्ज कर दिया।

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