सीबीआई की एसीबी ने आरबीएफ मुरी के दारोगा जीतेंद्र मीणा और सिपाही परीक्षित महथा को घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। रविवार की शाम मुरी स्टेशन से दोनों की गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तारी के बाद सोमवार को सीबीआई ने दोनों आरोपियों को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के यहां पेश किया। सीबीआई ने पेशी के बाद दोनों आरोपियों को दो दिनों के रिमांड पर लिया। रिमांड पर लिए जाने के बाद सीबीआई दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। सीबीआई ने दोनों आरोपियों के ठिकाने को भी सर्च किया है।

क्या है मामला
सीबीआई एसीबी के समक्ष एक दिसंबर को राजेश कुमार मुंडा नाम के युवक ने शिकायत की थी। राजेश का आरोप था कि उसकी मोटरसाइकिल छोड़ने और जेल नहीं भेजने के बदले परीक्षित महथा ने 15 हजार रूपये की डिमांड की थी। शिकायत मिलने के बाद सीबीआई के इंस्पेक्टर तापस पचौरी ने मामले की जांच की। जांच के बाद घूस मांगने का आरोप सच पाया गया। 3 दिसंबर की शाम परीक्षित महथा को घूस की 12,500 रुपये की रकम के साथ गिरफ्तार किया।

दारोगा के कहने पर मांगा था घूस
घूस की रकम के साथ रंगेहाथ पकड़े जाने के बाद सीबीआई ने परीक्षित से लंबी पूछताछ की। पूछताछ में परीक्षित ने बताया कि दारोगा जीतेंद्र मीणा के कहने पर वह राजेश से पैसे की डिमांड करता था। पुलिस ने परीक्षित के बयान को सत्यापित किया तो जीतेंद्र पर लगा आरोप भी सच पाया गया। ऐसे में सीबीआई ने जीतेंद्र मीणा को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने दोनों के ठिकानों पर भी सर्च किया था। एफआइआर दर्ज किए जाने के बाद इस कांड के अनुसंधान की जिम्मेदारी सीबीआई एसीबी के इंस्पेक्टर सुधीर कुमार को दी गई है।

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