झारखंड में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की अलग अलग शाखाओं से 200 करोड़ से अधिक की लोन राशि एनपीए होने के शिकायत पर सीबीआई ने रिपोर्ट की मांग की है। सीबीआई दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा ने इस संबंध में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया कोलकाता के चीफ विजिलेंस अफसर को पत्र भेजा है। सीबीआई ने रांची स्थित इॅकोनोमिक ऑफेंस विंग को भी इस बावत जानकारी भेजी है।
क्या है सीबीआई के पत्र में
सीबीआई को यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के कई शाखाओं से फर्जी तरीके से शेल कंपनियों के नाम पर लोन निकासी की शिकायत मिली थी। सीबीआई ने सीवीओ को लिखे पत्र में लिखा है कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के कई बड़े अधिकारियों ने चार्टर एकाउंटेंट अनीश अग्रवाल, उनकी पत्नी सोनिया अग्रवाल के साथ मिलीभगत कर आमलोगों के पैसे की लूट की शिकायत मिली है। सीबीआई ने सीवीओ का लिखा है कि इस मामले में जरूरी कार्रवाई करें।
क्या है शिकायत में
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के अलग अलग शाखाओं से विभिन्न कंपनियों के नाम पर 200 करोड़ से अधिक का लोन लिया गया, जो एनपीए हो गया। सीबीआई को शिकायत मिली थी कि बैंक के पूर्व चीफ मैनेजर, पूर्व एजीएम समेत अन्य अधिकारियों ने शेल कंपनियों से जुड़े लोगों के साथ बड़ी राशि लोन के तौर पर जारी कर दी। श्रीद्वारिका केदार उद्योग, श्री बद्रीकेदार उद्योग प्राइवेट लिमिटेड, राजेश्वरी आयरन एंड स्टील कंपनी, अनिल कुमार अकेला, गणपति राइस मिल के द्वारा बैंक को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया। सीबीआई को बैंक अधिकारियों के नाम, शेल कंपनियों के पूरे खातों के ट्राजेक्शन और पूरी लोन एनपीए की शिकायत मिली थी। सीबीआई ने शिकायत मिलने के बाद दिल्ली स्थित आर्थिक अपराधी ईकाई की हेड ऑफिस से अप्रूवल लिया, इसके बाद इस संबंध में बैंक के सीवीओ से जानकारी मांगी।जानकारी के मुताबिक, जिन कंपनियों के बारे में सीबीआई को लिखा गया है, उनके खिलाफ पूर्व से भी सीबीआई अलग मामलों में जांच कर रही है।

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