भाकपा माओवादी संगठन के फ्रंटल आर्गेनाइजेशन मजदूर संगठन समिति को प्रतिबंधित किया जाएगा। राज्य पुलिस मुख्यायल ने इस संबंध में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे को प्रस्ताव भेजा है। पूर्व में माओवादियों के फ्रंटल आर्गेनाइजेशन किसान कमेटी, नारी मुक्ति संघ, झारखंड एवन ग्रुप और क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच को प्रतिबंधित किया गया जा चुका है। झारखंड पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, मजदूर संगठन समिति के द्वारा संगठन की आड़ में छोटी मोटी ग्रामीण समस्याओं, भूमि विवादों के लिए जनअदालत लगायी जाती है। लेवी वसूलने, पुलिस गतिविधि की सूचना सशस्त्र दस्ते तक पहुंचाने, गांव में सशस्त्र दस्ते को ठहराने, जनअदालत लगा आमजनों को दंडित करने, संगठन के वर्चस्व के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से प्रचार प्रसार करने का काम मजदूर संगठन समिति के द्वारा किए जाने की जिक्र पुलिसिया रिपोर्ट में है।
डीआईजी हजारीबाग ने भेजी थी रिपोर्ट
उतरी छोटानागपुर जोन के डीआईजी भीमसेन टूटी ने मजदूर संगठन समिति के द्वारा आपत्तिजनक वारदातों को अंजाम देने संबंधी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी थी। डीआईजी ने अपने रिपोर्ट में संगठन को प्रतिबंधित करने की अनुसंशा की थी। यह संगठन रांची, गिरिडीह, धनबाद और बोकारो में सक्रिय है।
पुलिस रिपोर्ट में किन किन गतिविधियों का जिक्र
– 9 जून को मधुबन के ढ़ोलकट्टा में पुलिस और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ में मोतीलाल बास्के मारे गए थे। मौके से पुलिस से लूटी गई एसएलआर , कारतूस व नक्सली साहित्य बरामद की गईथी। इस घटना के समर्थन में हटिया मैदान मधुबन में मजदूर संगठन समिति ने पारंपरिक हथियार के साथ प्रदर्शन किया था।
– बतौर पुलिसिया रिपोर्ट मजदूर संगठन समिति को बोकारो के बच्चा सिंह, धनबाद के दामोदर तुरी, अजीत राय, प्रधान मुर्मू के द्वारा संचालित किया जाता है। संगठन भोले भाले आदिवासियों को सशस्त्र क्रांति के लिए उकसाया जाता है।
– रिपोर्ट के मुताबिक, 13 जून को माओवादी नेता अनल दा और अजय के इशारे पर मजदूर संगठन समिति के नेता मृत नक्सली मोतीलाल बास्के के घर गए। यहां पुलिस वालों पर हत्या का मुकदमा करने के लिए परिवार के लोगों को उकसाया। संगठन के अजीत राय और बच्चा सिंह की आपत्तिजनक गतिविधियों की रिपोर्ट भी पुलिस को मिल रही। पुलिस रिपोर्ट में जिक्र है कि पूर्व में संगठन के महासचिव बच्चा सिंह के खिलाफ आर्म्स एक्ट समेत अन्य मामलों में चार्जशीट भी किया गया है। वहीं दामोदर तुरी को साल 2008 में रांची से गिरफ्तार किया गया था। साल 2012 में भी तमिलनाडू के कुंदल कुलम में नक्सली साहित्य के साथ गिरफ्तारी का जिक्र पुलिस रिपोर्ट में है।

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