राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी, झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो, राजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा , पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी समेत 54 नेता कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का आदेश रांची पुलिस ने जारी किया है। रांची के सिटी एसपी अमन कुमार ने जगन्नाथपुर थाने में दर्ज कांड संख्या 405/16 की जांच के बाद सभी नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश केस के अनुसंधानकर्ता को दिया है। डीएसपी हटिया ने अपने सुपरविजन में इन नेताओं पर लगे आरोप को सच पाया था। पुलिस जांच में आरोप सच पाए जाने के बाद सभी की गिरफ्तारी का आदेश सिटी एसपी ने दिया है। सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी सह मजिस्ट्रेट उमेश चंद्र दास के बयान पर 54 लोगों पर नामजद, 1500 पुरूष और 300 अज्ञात महिलाओं पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
सीएनटी- एसपीटी के विरोध में आंदोलन के दौरान हुई थी प्राथमिकी
23 नवंबर 2016 को शीतकालिन सत्र के दौरान झाविमो के द्वारा सीएनटी- एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ विधानसभा घेराव का कार्यक्रम रखा गया था। दर्ज एफआइआर के आधार पर लिखे गए पर्यवेक्षण रिपोर्ट में जिक्र है कि उस दिन तकरीबन 12.30 बजे अरगोड़ा की तरफ से नेता- कार्यकर्ता लाठी डंडे से लैश होकर विधानसभा की तरफ आ रहे थे। सैटेलाइट गेट के पास प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी और पुलिस बलों ने जुलूस को रोकने की कोशिश की। लेकिन जुलूस आक्रोशित होकर बढ़ती गई। प्रशासन की लगायी बैरिकेडिंग तोड़कर भी लोग आगे बढ़ने लगे। पुलिस बलों ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने धक्का मुक्की की। इसी दौरान प्रदीप यादव विधानसभा की तरफ से आकर भीड़ में घुस आए। उन्होंने भीड़ को उकसाने का प्रयास किया। जिसके बाद भीड़ पुलिस बलों को रौंदते हुए आगे बढ़ने लगी। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार की। पुलिस पर पत्थरबाजी भी की गई। , जिसमें पुलिस पदाधिकारी व बल चोटिल हुए।
क्या है आदेश
सिटी एसपी ने आदेश दिया है कि प्राथमिकी अभियुक्तों के नाम पता का सत्यापन कर गिरफ्तारी करें। फरार रहने की स्थिति में सभी के खिलाफ कुर्की जब्ती की कार्रवाई करें। विडियो रिकॉर्डिंग के जरिए अज्ञात लोगों की पहचान करने का आदेश दिया गया है। गौरतलब है कि सभी नेताओं के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा, दंगा समेत अन्य आईपीसी की धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया था।
इन नेताओं की गिरफ्तारी का है आदेश
पूर्व सीएम बाबुलाल मरांडी, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, लक्ष्मण स्वर्णकार, पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी, रमेश राही, खालिद खलील, संतोष कुमार, योगेंद्र प्रताप सिंह, आदित्य मोनू, सीताराम जायसवाल, कृष्णा विश्वकर्मा, रंजीत सिंह, संतोष कुमार, इमरान अंसारी, मुस्तकीम खान, शिव कुमार यादव, तिलेश्वर राम, संजय पांडेय, छोटू खान, अभिनव कुमार, सतीश सिंह, राजेंद्र चौधरी, सुधीर कुमार, कृष्णा गुप्ता, मोहन ठाकुर, रवींद्र सिंह, प्रभात भूईंया, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो, प्रदेश उपाध्यक्ष हाजी हसीब खान, प्रदेश महासचिव रामस्वरूप यादव, पिंटू सिंह, धनबाद युवा जदयू अध्यक्ष प्रकाश नोनिया, जदयू युवा प्रधान महासचिव महमूद आलम, मुन्ना सिंह, विकास सिंह, समृतिकांत सिंह, जावेद मस्तान, सुशांतो मुखर्जी, अजय सिंह, हदिश अंसारी, राजद प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा , तारकेश्वर यादव, मोहिसन खान, पूनम झा उर्फ गुड्डू, मुमताज कुरैशी, शोभा यादव, आबिद और विधायक प्रदीप यादव।
घटनास्थल पर पदस्थापित इन अफसरों का भी बयान लेगी पुलिस
झाविमो समेत अन्य विपक्षा पार्टियों के साथ पुलिस की झड़प के दौरान मौजूद पुलिस अधिकारियों का बयान लेकर उसे केस की दैनिकी में अंकित करने का आदेश दिया गया है। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, 23 नवंबर 2016 को सैटेलाइट चौक स्थित ड्राप गेट पर नामकुम थाने के तत्कालिक थानेदार राजेंद्र दूबे, सार्जेंट मंशू गोप दल बल के साथ मौजूद थे। पुलिस और जुलूस में शामिल नेता कार्यकर्ताओं के बीच जब झड़प शुरू हुई तब डोरंडा के तात्कालिक थानेदार सुधीर कुमार के भी पहुंचने का जिक्र है। आदेश में लिखा गया है कि केस के अनुसंधानकर्ता जख्मी पुलिसकर्मी और मौके पर तैनात सभी पुलिस पदाधिकारियों का भी बयान लें। सिटी एसपी ने पूरे मामले में डीएसपी हटिया से निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करते हुए प्रगति प्रतिवेदन की मांग भी की है।