झारखंड की राजधानी रांची से सटे खूंटी जिले के कालामाटी में छात्राओं की खुदकुशी करने का सिलसिला चल पड़ा है। बीते कुछ दिनों से स्कूल की छात्राएं पेट दर्द का बहाना बना मौत को गले लगा चुकी हैं। मंगलवार को भी ऐसा ही मामला सामने आया। जब कस्तूरबा स्कूल की एक छात्रा ने खुदकुशी करने की कोशिश की। पहले उसने पेट दर्द की शिकायत की। इसके बाद आराम करने के लिए जब उसे भेजा गया तब उसने फिनायल पीकर खुदकुशी की कोशिश की। साथ में सुसाइड नोट भी छोड़ दिया कि वह दुनिया छोड़ कर जा रही है ।
सिर्फ 15 दिनों के अंदर स्कूल में यह तीसरी घटना है जब पेट दर्द की शिकायत छात्राओं ने की। इस दौरान गत 27 अगस्त की देर रात चंपा नाग नामक छात्रा की मौत हो गई । जबकि 7 सितंबर को सोनिया को बमुश्किल परिजन बचा सके । सोनिया को पेट दर्द की शिकायत के बाद स्कूल प्रबंधन ने परिजनों को बुलाकर उसे घर भेज दिया था। हालांकि आज स्कूल प्रबंधन ने गलती नहीं करते हुए आठवीं की छात्रा अंशु को आननफानन में निजी वाहन से लाकर सदर अस्पताल में भरती कराया। फिलहाल छात्रा की स्थिति खतरे से बाहर है, लेकिन इस घटना ने प्रशासन और शिक्षा विभाग की कार्य शैली पर सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर आपातस्थिति के लिए विद्यालय प्रबंधन को एंबुलेंस क्यों उपलब्ध नहीं कराया गया है। साथ ही छात्राओं को ऐसी स्थिति से बाहर लाने के लिए मनोवैज्ञानिक की मदद क्यों नहीं ली जा रही है। साथ ही पेट दर्द होने का क्या कारण है । घटना के कुछ देर बाद ही लगभग एक दर्जन अन्य छात्राएं पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची और वहां पहले उनका इलाज करने की जगह उन्हें पर्ची कटाने के लाइन में खड़ा कराया गया।