आरएमपी डॉक्टर इंतजार अली के पास विस्फोटक कर रखकर उन्हें आतंकी गतिविधि में फंसाने की साजिश रचने वाले आर्मी इंटेलिजेंस अफसर सूबेदार एसपी मिश्रा को सीआईडी गिरफ्तार करेगी। सीआईडी ने इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में हलफनामा भी दायर किया है। 20 अगस्त 2015 को वर्द्धमान- हटिया पैसेंजर ट्रेन में डॉक्टर इंतजार अली की सीट के नीचे विस्फोटक रख कर आतंकी मामलों में फंसाने की साजिश रची गई थी। इस मामले में इंतजार अली को 56 दिनों तक जेल में भी रहना पड़ा था। बाद में उनकी रिहाई 16 अक्तूबर 2015 को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से हुई थी।
आर्मी इंटेलिजेंस अफसर सूबेदार मिश्रा मास्टरमाइंड
सीआईडी ने इस मामले की जांच में आर्मी इंटेलिजेंस अफसर सूबेदार एसपी मिश्रा को मास्टरमाइंड बताया है। जांच में यह बात सामने आयी थी कि आर्मी इंटेलिजेंस अफसर के कहने पर हिंदपीड़ी के मो जाफरान ने विस्फोटक दी थी, वहीं इस मामले में दीपू खान की भी अहम भूमिका थी। सीआईडी ने इस मामले में दीपू खान और जाफरान के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। दोनों फिलहाल जमानत पर हैं।
आर्मी कैंप जाकर सीआईडी ने जानकारी मांगी
सीआईडी इस मामले में नामकुम के आर्मी कैंप भी गई थी। सीआईडी को जानकारी मिली है कि सूबेदार मिश्रा का तबादला दूसरे राज्य में हो चुका है। वहीं इस मामले में अपने वारंट को निरस्त करने के लिए सूबेदार मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी साथ ही बगैर सरकार की इजाजत वारंट को गलत बताया था। सीआईडी ने हलफनामा के जरिए बताया है कि वारंट के लिए सरकार से इजाजत की जरूरत नहीं है, सुनियोजित साजिश को ड्यूटी के दौरान हुई गलती नहीं माना जा सकता।
पुलिस अफसरों पर हो चुकी है विभागीय कार्रवाई
पूरे मामले में राज्य पुलिस के चार अफसरों की भूमिका भी संदेहास्पद पायी गई थी। मामले में नामकुम के तात्कालिन सर्किल इंस्पेक्टर सुबोध श्रीवास्तव, अनगड़ा के तात्कालिन थानेदार शिवकुमार सिंह, सिल्ली के तात्कालिन थानेदार सुजीत राय और एक अन्य पुलिसकर्मी अनंत आर्या को डीजीपी ने निलंबित किया था। इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी हो चुकी है।

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