झारखंड पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। झारखंड गठन के बाद जिलों की पुलिस ने कोर्ट शिकायतवाद के मामलों में निचली अदालतों के निर्देश के बावजूद 5294 एफआईआर दर्ज नहीं की। पूरे मामले में झारखंड हाईकोर्ट अब गंभीर है। झारखंड हाईकोर्ट के स्टेट कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम(एससीएमएस) राम शर्मा ने सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा है। जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वह प्रत्येक केसवार यह जानकारी दें कि संबंधित मामलों में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई।
कैसे मामला आया सामने
कोर्ट कंप्लेन दर्ज नहीं होने पर औरंगजेब मल्लिक ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने औरंगजेब के मामले में कोर्ट कंप्लेन के आधार पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। वहीं सभी जिलों में एफआईआर दर्ज नहीं होने को लेकर रिपोर्ट भी मांगी थी। लेकिन जिलों के एसपी ने इस संबंध में रिपोर्ट नहीं दी, ऐसे में झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में रिमाइंडर भी जिलों के एसपी को भेजा था।
सबसे अधिक लंबित मामले गिरिडीह में
बीते 19 सालों में कोर्ट कंप्लेन के आधार पर एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने के मामले में साहेबगंज जिले की स्थिति सबसे खराब है। साहेबगंज पुलिस ने 1595 मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं की है। गढ़वा में 811, देवघर में 491, गिरिडीह में 490 मामलों में पुलिस ने एफआईआर नहीं की। वहीं रांची पुलिस ने 332, चतरा ने 290, हजारीबाग पुलिस ने 312 मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं की।
जिला कोर्ट कंप्लेन आए एफआईआर नहीं
बोकारो 1979 283
चाईबासा 658 2
चतरा 1293 290
डालटेनगंज 733 37
देवघर 2737 491
धनबाद 4849 19
दुमका 387 38
गढ़वा 3024 811
गिरिडीह 3417 490
गोड्डा 2204 197
गुमला 1028 65
हजारीबाग 989 312
जमशेदपुर 1539 33
जामताडा 1020 11
खूंटी 127 5
कोडरमा 2108 79
लातेहार 357 43
लोहरदगा 746 19
पाकुड़ 922 4
रामगढ़ 182 73
रांची 1299 332
साहेबगंज 2548 1595
सरायकेला 601 64
सिमडेगा 496 00

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