रांची: झारखंड में बढ़ती गर्मी के साथ साथ सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा. आए दिन आरोप प्रत्यारोप से रुबरु होता प्रदेश रोज एक नए कांड एक नए खुलासों पर हैरान है. अब सियासत के गलियारे से एक चिट्ठी आई है जिसने एक बार फिर हुकुमरानों को बेचैन कर दिया है. जी हां, झारखंड भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस बार पत्र लिखकर पुलिस भवन निर्माण में निगम की अनियमितता को लेकर पूर्व गृह सचिव श्री राजीव अरूण एक्का, उनके करीबी दलाल-बिचौलिया विशाल चौधरी एवं अभियंता सुरेश ठाकुर के संलिप्तता की जाँच एवं कार्रवाई की मांग की है.
बता दें इस पत्र में विपक्ष के नेता बाबूलाल ने लिखा है कि आपका ध्यान इस पत्र के साथ उपर्युक्त विषयक से सम्बन्धित संलग्न कागजातों की ओर आकृष्ट कर रहा हूँ. कागजातों को देखने के स्पष्ट पता चलता है कि तात्कालीन गृह सचिव राजीव अरूण एक्का की विशेष कृपा से चर्चित दलाल विशाल चौधरी पुलिस भवन निर्माण निगम में भी बिचौलिया की भूमिका निभाता रहा है. आरोपों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ आगे बाबूलाल लिखते हैं कि मैं बताना चाहूँगा कि निगम में कार्यरत कार्यपालक अभियंता सुरेश ठाकुर की सेवानिवृत्ति के बाद बिना विज्ञापन निकाले निगम ने पुनः कार्यपालक अभिंयता के पद पर अनुबंध के तौर पर बहाल कर लिया और इतना ही नहीं निगम में अधीक्षण अभियंता के रहते हुए भी कार्यपालक अभियंता सुरेश ठाकुर को मुख्य अभियंता का प्रभार सौंप दिया गया.
अनुबंध पर काम कर रहे सुरेश ठाकुर ने 2 फरवरी 2023 को पुनः अपने सेवा विस्तार का अनुरोध करते हुए गृह सचिव श्री एक्का को पत्र लिखा और गृह सचिव ने उसी दिन यानि 2 फरवरी 2023 को ही सेवा विस्तार देने के लिए कार्रवाई करने हेतु निगम के प्रबंध निदेशक को आदेश दे दिया. इसके साथ बाबूलाल ने कागजों को भ्ज्ञी संल्र्न कर पेश किया है. साथ ही आगे लिखा कि सुरेश ठाकुर का अनुरोध पत्र एवं तात्कालीन गृह सचिव राजीव अरूण एक्का का प्रबंध निदेशक को लिखे आदेश पत्र की प्रति आपके सुलभ संदर्भ के लिए संलग्न है. भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि यह एक्का द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का एक बड़ा नमूना है. ऐसे भ्रष्टाचार के कई मामले इनसे जुड़े है. आगे मरांडी लिखते है कि जहाँ तक मुझे जानकारी है कि इस काम के लिये अभियंता द्वारा सीधे गृह सचिव को पत्र लिखना और फिर गृह सचिव का इस विषय पर सीधे आदेश देना, दोनों ही काम नियम विरूद्ध है.
किसी अभियंता की नियुक्ति या सेवा विस्तार झारखण्ड पुलिस भवन निर्माण निगम की बोर्ड द्वारा ही किये जाने का नियम है वो भी विज्ञापन निकालकर लेकिन इसमें न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही नियमों का अनुपालन किया गया. हैरत की बात है कि एक ही दिन में अभियंता का सेवा विस्तार का अनुरोध पत्र एक्का साहब को मिल जाता है और वे सारी काग़ज़ी प्रक्रिया पूरी कर उसी दिन आदेश जारी कर देते हैं, ये अपने आप में षडयंत्र एवं विशेष कृपा के आरोप को पुष्ट करता है. शायद एक्का द्वारा किसी काम में इतनी तत्परता दिखाने का दूसरा उदाहरण नहीं होगा ? वजह क्या है ये तो गहन जाँच के बाद ही खुलासा होगा. चर्चा है कि बिचौलिया विशाल चौधरी ने इस काम में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. इस विशेष मेहरबानी के कई कारणों में से एक के बारे में मुझे जो काग़ज़ात उपलब्ध कराये गये हैं यह भी चौंकाने वाले हैं. इसे भी यहाँ आपके संज्ञान के लिए संलग्न कर रहा हूँ।
विधायक दल के नेता ने आगे खुलासे करते हुए लिखा है कि मुझे बताया गया है कि विशाल चौधरी की कम्पनी रोलेक्स सोलुशन को ग़लत तरीक़े एवं फर्जी कागजातों के आधार पर सुरेश ठाकुर ने भवन निर्माण निगम में कई काम दिये थे. 24 मई 2022 को विशाल चौधरी के यहाँ प्रवर्त्तन निदेशालय का छापा पड़ने एवं उसके बिचौलियागिरी और दलाली के साथ ही अफ़सरों से उसकी अंतरंगता की खबरों के प्रकाश में आने के बाद डर के मारे आनन-फ़ानन में दिनांक 02-06-2022 को विशाल चौधरी की कम्पनी रोलेक्स सोलुशन को गोड्डा में आवंटित काम के ठेके का एकरारनामा रद्द कर दिया गया. फिर वरीय अफ़सरों पर उसके प्रभाव के चलते आश्चर्यजनक तरीक़े से 12-07-2022 एवं 13-07-2022 को सिक्योरिटी मनी की राशि लौटाने का आदेश दे दिया गया बाबूलाल ने इसकी प्रतिलिपी संलग्न की है.
आगे उन्होने आरोप लगाया कि जब प्रभारी मुख्य अभियंता को खुद के फँसने का एहसास हुआ तो विशाल चौधरी की कम्पनी रोलेक्स सोलुशन को लौटा दी गई जमानत राषि को फिर से निगम ने जमा करने का आदेश 31 जनवरी 2023 प्रतिलिप संलग्न में दिया गया. टेंडर रद्द की कॉपी, जमानत राशि विमुक्त करने की आदेश की प्रति एवं पुनः जमानत राशि वापस करने की आदेश प्रति अवलोकनार्थ संलग्न है. कोई भी इस प्रकरण के सभी कागजातों को देखकर इन सबके पीछे बिचौलियागिरी, दलाली एवं उच्चाधिकारी के सांठगांठ की बात आसानी से समझ सकता है. आगे बाबूलाल ने पत्र में उल्लेख किया है कि यह मामला राज्य के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह गृह विभाग के प्रधान सचिव जैसे उच्च पद पर रहे पदाधिकारी से जुड़ा हुआ है, ऐसे में आपके सिवाय दूसरा इस मामले की निष्पक्ष जाँच कोई नहीं कर सकता है.
यह सवाल अहम है. अतएव आपसे अनुरोध है कि आप अपनी निगरानी में इस मामले की बिना विलम्ब किए निष्पक्ष जाँच करा कर कारवाई करने का कष्ट करें. जिन अधिकारियों ने ठेका रद्द करने के बाद सिक्योरिटी मनी लौटाने का ग़लत काम किया उन्हें पद से तुरन्त हटायें और उनपर F.I.R. दर्ज करने का आदेश दें. इस पत्र के साथ ही बाबूलाल ने झारखंड के सिसासी बिसात पर हलचल तेज कर दी है. झारखण्ड सरकार के मुख्य सचिव को पत्र के माध्यम से किए खुलासे और कार्रवाई की मांग पर आगे झारखंड की राजनीति का मौसम कैसा रहेगा ये तो नहीं पता लेकिन सत्ता के गलियारे में हलचल मचने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।