रांची : झारखंड सरकार ने अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव को आवासीय कार्यालय की सुविधा उपलब्ध कराने की स्वीकृति दे दी है. इस संबंध में बुधवार को मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है.
अवकाश में भी भिन्नता से थी परेशानी
राज्य में वर्तमान में अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव को विभाग के विभागाध्यक्ष और आधिकारिक प्रधान के रूप में दायित्वों का निर्धारण किया गया है. ऐसे में देखा गया है कि कई बार कार्यालय दिवस में कार्यालय में निर्धारित समय में उक्त कार्यों का समय पर निष्पादन नहीं हो पाता है. वहीं, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दिये जा रहे अवकाश में भी भिन्नता होती है.
कई बार शनिवार को कार्यालय खोलने के निर्देश देने पड़ते हैं
कई बार राज्य के कार्यालय बंद रहते हैं और भारत सरकार के कार्यालय खुले रहते हैं. ऐसे में अधिकारियों को इसमें भी परेशानी होती है. सचिवालय में पांच कार्य दिवस भी है. इस वजह से कई बार शनिवार को कार्यालय खोलने के लिए विशेष निर्देश देने पड़ते हैं. कई बार संचिकाओं को अधिकारियों के आवास में ले जाकर भी निष्पादन करना पड़ता है.
वर्क फ्रॉम होम का भी चलन, भविष्य में भी संभावना
कोविड की वजह से वर्क फ्रॉम होम का भी चलन हो गया है. ऐसे में भविष्य में भी इसके बने रहने की संभावना है. इन सभी वजहों को देखते हुए सरकार ने वरिष्ठ पदाधिकारियों के आवास में ही कार्यालय की सुविधा अलग से देने का निर्णय लिया है, ताकि कार्यों का समय पर निष्पादन हो सके.
कार्यालय आदि की सुविधा भवन निर्माण विभाग उपलब्ध करायेगा, अन्य खर्च प्रशासी विभाग उठायेगा. वहीं, 300 यूनिट बिजली बिल का भुगतान भी प्रशासी विभाग करेगा. वहीं, कंप्यूटर ऑपरेटर, लिपिक आदि को अवकाश के दिन कार्यालय बुलाये जाने पर उनको अलग से भत्ता वित्त विभाग देगा.
ये मिलेंगी सुविधाएं मिलेंगी
- आवासीय कार्यालय के लिए अलग से सुसज्जित फर्नीचर तथा एसी सहित कमरे.
- निर्बाध बिजली आपूर्ति.
- इंटरनेट, ऑप्टिकल फाइबर, टेलीफोन, कंप्यूटर, प्रिंटर, टीवी, वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम.
- आवासीय कार्यालय के लिए वाहन चालक, आदेशपाल आदि.