रांची : कांके स्थित रिनपास में भर्ती 51 मानसिक रोगियों को सोमवार को बस से बिहार भेजा गया. इनमें 29 महिला व 22 पुरुष मरीज हैं. रिनपास निदेशक जयति सिमलई की पहल पर इन मरीजों को बिहार के कोईलवर स्थित भोजपुर आरोग्यशाला भेजा गया है. मौके पर रिनपास निदेशक डॉ जयति सिमलई,वरीय मनोचिकित्सक सिद्धार्थ सिन्हा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ विनोद महतो, डॉ अमूल रंजन, डिप्टी डायरेक्टर सीमा सिह, डॉ अमित शर्मा, डॉ अभिषेक प्रसाद सहित कई लोग मौजूद रहे. दरअसल बिहार सरकार पर रिनपास का 1 अरब 23 करोड़ 99 लाख 23 हजार 311 रुपये बकाया है. इसे देखते हुए बिहार के मरीजों को रिनपास में भर्ती करना बंद कर दिया गया है.
बकाया नहीं मिलने के कारण बिहार के मरीजों की भर्ती बंद – डॉ जयति सिमलई
रिनपास निदेशक डॉ जयति सिमलई ने बताया कि बिहार के 51 मरीजों को भोजपुर आरोग्यशाला सुरक्षित भेज दिया गया है. बिहार से आने वाले मरीजों का रिनपास में इलाज पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है. ओपीडी में उनका प्रारंभिक उपचार किया जाता रहेगा. उसके साथ-साथ दवा भी मुफ्त दी जायेगी. लेकिन बिहार सरकार से बकाया नहीं मिलने के कारण वहां के मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. वरीय मनोचिकित्सक सिद्धार्थ सिन्हा ने बताया कि मेरे वार्ड 1 और 2 से 11 मरीजों को भेजा गया है. लंबे समय से इनका इलाज चल रहा था.
बिहार ने मरीजों की भर्ती से मना किया गया था
नया झारखंड बनने के बाद बिहार में मानसिक रोगियों के इलाज के लिए कोई अस्पताल नहीं था. जिसके कारण बिहार से आने वाले मानसिक रोगियों का इलाज रिनपास में किया जाता रहा. अगस्त 2018 तक बिहार के मानसिक रोगियों का इलाज रिनपास में होता रहा. बिहार सरकार पर वहां के रोगियों के इलाज का खर्च सवा अरब रुपये हो गया. बकाया मांगने पर बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की चिट्ठी आई. जिसमें कहा गया कि कोइलवर भोजपुर में मानसिक रोग अस्पताल खुल गया है. इसलिए रिनपास बिहार के मरीजों का इलाज ना करें. उस पत्र के बाद रिनपास ने बिहार के मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया.