जमशेदपुर। आरपीएफ और फलाइंग टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। महिला को टाटानगर आरपीएफ ने वन्य जीव प्राणियों के साथ पकड़ा है। नागालैंड से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। इन वन्य प्राणियों की विदेशी बाजार में अरबों रुपयों कीमत आंकी जा रही है। आरपीएफ ने नीलांचल एक्सप्रेस की जनरल बोगी से जिस महिला को वन्य जीव प्राणियों के साथ गिरफ्तार किया था, वह मूल रूप से पुणे की रहने वाली है। उसका नाम देवी चंद्रा है। महिला के बैग से काफी मात्रा में वन्य जीव प्राणी पाए गए है। जिनमें सांप, गिरगिट, मकड़ी और बीटल के अलावा अन्य शामिल है। सभी प्राणी विदेशी है। आरपीएफ की टीम महिला को हिरासत में लेकर थाने ले गई, जहां महिला से पूछताछ की गई है। इधर, आरपीएफ प्रभारी एसके तिवारी ने स्नेक कैचर से संपर्क किया जिसके बाद कई स्नेक कैचर आरपीएफ थाना पहुंचे और बैग से सभी प्राणियों को बाहर निकाला। बैग से कुल 26 सांप, 9 डिब्बे में बंद बीटल, 12 गिरगिट और एक बॉक्स में मकड़ियां पाई गई। हालांकि, इनमे से एक सांप और 8 गिरगिट मृत पाए गए। क्या कहा स्नैक कैचर छोटू नेस्नेक कैचर छोटू ने बताया कि इनमे से एक सांप और मकड़ियों के अलावा बीटल जहरीले हैं। फिलहाल आरपीएफ ने वन विभाग से संपर्क कर उन्हे जानकारी दे दी है। जानकारी देते हुए आरपीएफ प्रभारी एसके तिवारी ने बताया कि उन्हें खड़गपुर से सूचना मिली कि एक संदिग्ध महिला नीलांचल एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में सफर कर रही है। इसके बाद ट्रेन के टाटानगर स्टेशन में आते ही महिला को पकड़ लिया गया। तलाशी के दौरान उसके पास से वन्य जीव प्राणी बरामद किए गए।नागालैंड से दिल्ली पहुंचाने के लिए महिला को मिला था 8 हजार गिरफ्तार महिला ने पूछताछ में बताया कि नागालैंड में उसे एक व्यक्ति ने यह बैग दिल्ली पहुंचाने के लिए दिया था, जिसके लिए उसे 8 हजार रूपए दिए गए थे। वह नागालैंड से ट्रेन से गुआहाटी पहुंची और फिर वहां से हावड़ा, हावड़ा से वह ट्रेन में बैठकर हिजली पहुंची और फिर वहां से नीलांचल एक्सप्रेस में बैठकर दिल्ली जा रही थी। इस बीच वह व्यक्ति के संपर्क में थी। टीम ने व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। जब्त प्राणियों में कोई भी देशी नहीं है, सभी विदेशी प्रजाति के हैं। विदेशी बाजार में इनका मूल्य अरबों में है। सिर्फ एक सांप सैंड बोआ की कीमत ही 25 करोड़ रुपए है। जबकि बोल पायथन की कीमत 25 से 40 हजार तक है। गिरगिट की कीमत 20 से 50 हजार तक है। सभी को जब्त कर वन विभाग को सूचित कर दिया गया है।