रांची: अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ED ने समन भेजा है. इसके बाद जेएमएम बीजेपी और राज्यपाल पर हमलावर है. जेएमएम महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि विपक्ष साजिश के तहत हेमंत सरकार को अस्थिर करने में लगा है. माइनिंग लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग के भेजे मंतव्य को पहले तो राज्यपाल तीन माह तक सार्वजनिक नहीं करते, फिर कहते हैं कि वे आयोग से सेकेंड ओपिनियन मांग रहे हैं. साफ है कि आयोग स्वायत नहीं रह गया है.
अगर रहता तो आज यह स्थिति नहीं बनती.सुप्रियो ने आगे कहा कि झामुमो कार्यकर्ताओं में इससे जबरदस्त आक्रोश है. बहुत जल्द साजिश करने वाले उसी तेवर को देखेंगे, जो चार दशक (झारखंड आंदोलन को लेकर) तक देखने को मिला था. कार्यकर्ता अब सड़क से सदन तक नजर आएंगे. हम इतनी जल्दी हार मानने वालों में से नहीं हैं. हम बताएंगे कि उन्होंने गलत नंबर डायल किया है.
चुनाव में जनादेश झामुमो को मिला है न कि मुख्यमंत्री को, इसलिए कर रहा हूं डिफेंडपार्टी मुख्यालय में बुधवार को प्रेस को संबोधित करते हुए सुप्रियो ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. मीडियाकर्मियों ने जब सुप्रियो से पूछा कि पंकज मिश्रा, दाहु यादव, प्रेम प्रकाश के साथ क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कोई संबंध है. इसपर सुप्रियो ने कहा कि पंकज मिश्रा को छोड़कर हम किसी को नहीं जानते. जब उनसे पूछा गया कि आप मुख्यमंत्री का बचाव कर रहे हैं. इस पर सुप्रियो ने कहा कि मुख्यमंत्री को नहीं अपने कार्यकारी अध्यक्ष और सरकार को डिफेंड कर रहा हूं.
क्योंकि चुनाव में जनादेश झामुमो को मिला है.पूरी स्क्रिप्ट सुनियोजित तरीके से रची गयीसुप्रियो ने सवाल किया कि मनरेगा घोटाले की सीबीआई जांच को आखिर ED ने क्यों लिया. क्यों यह जांच माइनिंग लीज तक पहुंच गयी. मतलब है कि पूरी स्क्रिप्ट सुनियोजित तरीके से रची गयी. आज जब अपने साजिश में विपक्ष फेल हो गया तो मोहरा बनाया गया. राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी चेहरे को चुना और बलि लेने का मन बनाया गया एक आदिवासी मुख्यमंत्री को.सभी जानते हैं कि सेकेंड ओपिनियन किसके इशारे पर लिया गयाराज्यपाल पर निशाना साधते हुए झामुमो नेता ने कहा कि वे चुनाव आयोग के मंतव्य को सार्वजनिक तो नहीं किये. हां, रांची से दूर और नागपुर के पास रायपुर में जाकर बोलते हैं कि वे चुनाव आयोग से सेंकेंड ओपिनियन ले रहे हैं. सभी जानते हैं कि सेंकेड ओपनियन किसके इशारे पर लिया गया है. एक नैरेटिव चला है कि मुख्यमंत्री को बर्खास्त किया जा सकता है, या उन्हें डिबार किया जा सकता है. देखा जाये, तो सेकेंड ओपिनयन इसी के लिए लिया जा रहा है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सेंकेड ओपिनियन नागपुर स्थित मुख्यालय से मांगा गया है.