रांची: कोविड के दो साल बाद धनतेरस पर राजधानी के बाजार झूम उठे। धनतेरस की खरीदारी के लिए शुभ संयोग के साथ सुबह से ही बाजारों में रौनक रही। इलेक्ट्रॉनिक, ज्वेलरी, लैपटॉप, मोबाइल, टीवी, फ्रीज, दो पहिया, चार पहिया वाहनों की डिलीवरी के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। बाजार के जानकारों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस बार कारोबार अच्छा हुआ। झारखंड में करीब 1370 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जिसमें सिर्फ रांची में ही 410.79 करोड़ रुपए की धनवर्षा हुई। पिछले साल के कारोबार की तुलना में यह लगभग 15 फीसदी अधिक है।
लोगों ने सबसे अधिक खरीदारी सोने-चांदी में की। नई व पुरानी गाड़ियों की भी खूब बिक्री हुई। इसके अलावा वाणिज्यिक वाहन, फ्लैट व जमीन की रजिस्ट्री के साथ किचन अप्लायंस व फर्नीचर बाजार भी गुलजार रहे। जैसे-जैसे दिन ढलता गया, वैसे-वैसे बाजारों में भीड़ बढ़ती गई। रात होते-होते बाजारों में पैर रखने की जगह नहीं थी और पूरी रांची दीपोत्सव के पांच दिनी उत्सव में पूरी तरह रम गई। बर्तन बाजार, सेकेंड हैंड कार-बाइक, लैपटॉप, फर्नीचर, किचन अप्लांयसेस के प्रतिष्ठानों ने ग्राहकों का जोरदार स्वागत किया।
वहीं, धनतेरस के शुभ मुहूर्त पर राज्य भर के रजिस्ट्री कार्यालय में 472 से अधिक लोगों ने प्रॉपर्टी अपने नाम की। हालांकि 680 लोगों ने रजिस्ट्री का स्लॉट बुक करा रखा था। पर डीड में कुछ कमी रहने से रजिस्ट्री नहीं हो सकी। राजधानी रांची में सबसे अधिक 138 से अधिक लोगों ने जमीन-फ्लैट के साथ दुकान की रजिस्ट्री कराई। यहां 180 से अधिक लोगों ने स्लॉट बुक कर रखा था। रजिस्ट्री से राज्य सरकार को एक दिन में लगभग 25 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। राजधानी के मोरहाबादी स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में लिंक नहीं रहने से शाम करीब चार बजे से रजिस्ट्री कार्य प्रारंभ हो सका।